शुक्रवार, 23 सितंबर 2016

बीकानेर बॉर्डर पर फिर खुलेगी खुफिया पुलिस की चौकियां



बीकानेर बॉर्डर पर फिर खुलेगी खुफिया पुलिस की चौकियां

बॉर्डर पर फिर खुलेगी खुफिया पुलिस की चौकियां
पहले पठानकोट और अब उरी पर सीमा पार के आतंकियों के हमले ने केन्द्र व राज्य सरकार के खुफिया तंत्र की नींद उड़ा रखी है। पाक से लगती पश्चिमी सीमा के खुफिया तंत्र को मजबूत करने के लिए नए सिरे से कवायद शुरू की गई है।

इसके तहत सात साल पहले सीमावर्ती चार जिलों में बंद की गई खुफिया पुलिस की 24 चौकियों को फिर से शुरू करने का निर्णय किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के बाद सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों से सीमा चौकियों के लिए प्रस्ताव लिए गए है।
खुफिया पुलिस की बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर में 24 चौकियों को वर्ष 2009 में अनुपयोगी मानकर बंद कर दिया था।

इसके बाद बॉर्डर एरिया में कमजोर हुए खुफियातंत्र से अब फिर इनकी जरूरत महसूस की गई है। गृहमंत्रालय ने संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट के साथ प्रस्ताव मांगे है।

चौकियां बद होने यह नुकसान

इन जिलों में पिछले कुछ सालों से लगातार घुसपैठ, जासूसी, तस्करी जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में चौकियों को फिर से शुरू करने की जरुरत महसूस की जा रही है। सात साल से बीकानेर में सालों पहले स्थापित यह सीआईडी आईबी चौकियां अब अस्तित्व गंवा चुकी है।

सीआईडी आईबी (क्रिमीनल इंवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट बॉर्डर इंटलीजेंस) एजेंसी है। जो बॉर्डर इलाके में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखती है। गोपनीय सूचना को इक_ा करने के साथ ही सरकार को भेजने का काम करती है।

जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय से सीआईडी-सीबी चौकियों के संदर्भ में रिपोर्ट मांगी गई थी

जो भेज दी गई है।

इन चौकियों को फिर से चालू करने के लिए पुलिस मुख्यालय को दो बार चिट्ठी लिखी जा चुकी है। अब इन चौकियों को चालू करने संबंधी प्रस्ताव गृह

मंत्रालय के पास है।

डॉ. अमनदीप सिंह कपूर, पुलिस अधीक्षक

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