बाड़मेर में आज तेज बारिश की संभावना, सिवाना में दो घंटे में साढ़े छह इंच बारिश
लंबे इंतजार के बाद बाड़मेर में मानसून मेहरबान हुआ है। बुधवार को जिले के अधिकांश हिस्सों में कई तेज तो कई मध्यम और हल्की बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश जालोर जोधपुर से सटे सिवाना समदड़ी में रिकार्ड की गई। यहां बारिश के बाद खेत पानी से लबालब हो गए। अच्छी बारिश होने से किसानों के मुरझाए चेहरों पर रौनक लौटा दी। इधर बाड़मेर के पश्चिमी हिस्से को अभी भी बारिश का इंतजार बना हुआ है। कहीं-कहीं गांवों में हल्की बारिश हुई है, लेकिन खेती के लायक नहीं है।
कहांकितनी बारिश :बुधवार को सिवाना में 155, समदड़ी में 98, शिव में 17, बालोतरा में 15, सिणधरी में 11, बाड़मेर में 3.5, धोरीमन्ना 3, पचपदरा में 3, गुड़ामालानी रामसर में 2-2 एमएम बारिश रिकार्ड की गई।
गत साल जुलाई में 280 एमएम, इस पर 20 एमएम
गतसाल जुलाई माह में बाड़मेर में 280 एमएम बारिश हुई थी, जबकि इस बार केवल 20 एमएम ही बारिश रिकार्ड की गई। पर्याप्त बारिश नहीं होने से बुवाई पर विपरीत असर पड़ा है। महज एक लाख हेक्टयेर में ही बुवाई हुई, जबकि 16 लाख हेक्टयेर बुवाई का लक्ष्य है।
चार साल बाद ऐसी स्थिति
वर्ष2012 में बाड़मेर में जुलाई तक बारिश नहीं हुई थी, इससे पूरे जिला अकाल की चपेट में रहा था। पशुओं के लिए चारे से लेकर पानी के संकट खड़े हो गए थे। चार साल बाद फिर ऐसे ही हालात है। बारिश के महीने जून-जुलाई दोनों बीत गए, लेकिन बारिश नहीं हुई। इस बार भी थार में फिर अकाल के हालात हैं,लेकिन किसानों ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है।
अगले दो दिन तक सक्रिय रहेगा मानसून
मौसमविभाग के मुताबिक अगले दो-तीन दिन तक पश्चिमी राजस्थान में मानसून सक्रिय रहेगा। कई जगह अच्छी और भारी बारिश होने की संभावना जताई है। अभी भी सूखे की चपेट में रहे बाड़मेर के 70 फीसदी इलाकों को इसी मानसून से बारिश की उम्मीद बंधी हुई है।
बाड़मेर शहर में बुधवार को बादलों के कारण सुबह से ही मौसम खुशगवार बना रहा। दोपहर होते-होते शहर पर काली घटाएं छानी शुरू हो गई। काली घटाओं को देखकर तेज बारिश के अनुमान लगने शुरू हुए। दोपहर में ये काली घटाएं बरसनी आरंभ हुई। कभी धीमी तो कभी तेज बूंदों ने शहर को भिगो दिया। बादलों और बूंदों ने उमस से परेशान शहर को ताजगी से भर दिया। शाम को चार बजे शहर के पश्चिम में स्थित पहाड़ों के ऊपर मानों काली घटाएं उतर आई। यह नजारा किसी हिल स्टेशन से कम नजर नहीं रहा था। हालांकि पहाड़ों के साथ बादलों का यह साथ कुछ मिनट ही रहा, लेकिन जिसने भी देखा वह इस नजारे को देखने से थम सा गया।
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