शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

बाड़मेर भारत के दो महान क्रांतिकारियों के जन्मदिवस के अवसर पर श्रदांजली दी गयी



बाड़मेर भारत के दो महान क्रांतिकारियों के जन्मदिवस के अवसर पर श्रदांजली दी गयी
श्री किसान बोर्डिंग हाऊस संस्थान में सुर्य उदय के साथ भारतमाता के दो अमर शहीदों के जन्मदिवस के सुअवसर पर उनकी प्रतिमाओ को माल्यापर्ण किया और श्रदांजली दी। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष बलवंतसिंह चैधरी ने छात्र-छात्राओ को सम्बोधित करते हुए बताया कि दो क्रांतिकारी भारत मां के सच्चे सपूत और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के प्रमुख नायक थे।

इस अवसर पर संस्थान सचिव डालूराम चैधरी ने बालगंगाधर तिलक की जीवनी प्रस्तुत की। संस्थान कोषाध्यक्ष तोगाराम गोदारा ने चन्द्रशेखर आजाद की जीवनी के बारे में बताया। हुकमाराम पोटलिया ने बताया कि लोकमान्य तिलक का यह प्रसिद्ध नारा था कि स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मै इससे लेकर रहूगां। इस नारे सच्चा करने के लिए उन्होने अपना सम्पूर्ण जीवन लगे रहे। तिलक वे नायक थे जिनको हिन्दू राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। सुरेश भादू ने बताया कि चन्द्रशेखर आजाद वे वीर क्रांतिकारी थे जिन्होने नारा दिया कि मै आजाद था, आजाद रहूं और आजाद रहूुगा। आजाद अपने नारे पर खरे उतरे उन्होने जीते जी अपने शरीर को ब्रिटिश सरकार को सुने तक नही दिया। उनके भारत आजाद का सपना पूरा तो हुआ परन्तु वे जिते जी देख नही सके।

इस अवसर पर संस्थान अधीक्षक धर्माराम चैधरी, जोगेन्द्र बेनिवाल, हेमराज खत्री, रूगनाथराम विश्नोई, हरदानराम पोटलिया, हिमताराम गुजर सहित सैकड़ों गणमान्य नागरिक उपस्थित थें।

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