जैसलमेर।रम्मत भक्त पूरणमल का शानदार मंचन
जैसलमेर। आज के डिजीटल दौर में जहां युवा पीढ़ी परम्परा व लोक रीतियों से
दूर होती जा रही है ऐसे समय में जैसलमेर के तरूण युवा व उभरते कलाकारों
द्वारा पारम्परिक लोक नाट्य शैली रम्मत में शनिवार रात स्थानीय गोपा चौक
में भक्त पूरणमल की रम्मत का शानदार मंचन कर स्थानीय जनता को आल्हादित कर
दिया। भक्त पूरणमल सियालकोट के राजा शंख भाटी का धर्म परायण पुत्र होता
है। पिता द्वारा दूसरी शादी कर लाई गई नवयौवना सौतेली माता पूरणमल पर
आसक्त हो जाती है। पूरणमल द्वारा अपनी सौतेली माता के आग्रह को ठुकरा
देने से राणी लूणादे नाराज हो उसे कत्ल करवा देती है। अपने पुत्र के
वियोग में माता पद्मावती का रूदन सुन पार्वती शंकर भगवान को कह उसे जीवित
कर देती है। पूरणमल जीवन की निरर्थकता समङा योगी बन जाता है। अजमेर
निवासी पूनमचंद सिखवाल द्वारा वर्षों पूर्व लिखी इस रम्मत में पूरणमल के
किरदार में कमल आचार्य ने जीवंत अभिनय कर अपनी छाप छोड़ी। वहीं राजा शंख
भाटी के रूप में शेखर व्यास, रानी पद्मावती के रूप में यश शर्मा ने
शानदार अभिनय कर दाद हासिल की। रानी लूणादे के रूप में राजेश बरसा का
प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। वहीं शंकर पार्वती की भूमिका में शिव आचार्य व
चमन पुरोहित के अलावा जल्लाद के रूप में ब्रज व्यास, जोशी, हीरू व शर्मा
का अभिनय भी यादगार रहा। मिठू के रूप में नवोदित कलाकार नीतेश जगाणी की
प्रस्तुति ने सबका ध्यान आकर्षित किया। राकेश जोशी (शंका) व जयन्त
खेतपालिया (पणिहारी) की प्रस्तुति भी शानदार रही। प्रवीण गोपा (मंत्री) व
आनन्द जगाणी (हलकारे) के रूप में खूब जमे। शनिवार रात दस बजे से शुरू हुई
रम्मत में टेरियों ने जमकर कलाकारों का साथ दिया। टेरियों के रूप में
उम्मेद व्यास, नरेन््र खेतपालिया, अनिकेत बिस्सा, घनश्याम चूरा, घनश्याम
ओङाा, प्रिन्स बिस्सा आदि ने रंग जमाया। गोविन्द गोपाल जगाणी व मुरली
जगाणी ने तबले और ब्रज बिस्सा ने ढोलक पर संगत देकर कलाकारों का हौसला
बढ़ाया। वरिष्ठ खिलाड़ियों राणीदान सेवक, नवल पुरोहित, रमेश बिस्सा, कमल
खेतपालिया, हरिवल्लभ शर्मा, दीपू शर्मा व संजय बोहरा ने आयोजन में
महत्वपूर्ण सहयोग दिया। इस मौके पर पोकरण व फलोदी से आए रम्मत कलाकारों
का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
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