शनिवार, 30 जुलाई 2016

बालोतरा.अपने तीनों मंत्रों में फेल साबित हो रही पुलिस...!



बालोतरा.अपने तीनों मंत्रों में फेल साबित हो रही पुलिस...!
अपने तीनों मंत्रों में फेल साबित हो रही पुलिस...!

पुलिस तीन मंत्रों पर काम करती है मुखबिरी, जांच और सुरक्षा। पिछले कई महिनों में वह इन तीनों में फेल है। इससे आमजन सहित वाहन चालकों व व्यापारियों में रोष है। हर थाने में बीट सिस्टम है पर अफसर व कर्मचारी यही पता नहीं कर पाते हैं कि किस क्षेत्र में कौन सा अपराधी शरण लिए है, पता तब चलता है, जब अपराधी वारदात अंजाम देकर निकल जाता है। गत दिनों सिलसिलेवार हुई चोरी की वारदातों में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखे, संदिग्धों को हिरासत में भी लिया, लेकिन आरोपितों तक नहीं पहुंच पाई। वहीं तालमेल का अभाव व लचर कार्य प्रणाली ने पुलिस की छवि पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।




सिलेसिलेवार हो रही चोरी की वारदातों के बाद चोर बेखौफ घूम रहे हैं और पीडि़तों के कई चक्कर काटने के बाद भी फरियाद नहीं सुनी जाती। नतीजन आमजन भी पुलिस के प्रति उपेक्षित रवैया अपनाए हुए है, जो मुखबिरी या संदिग्धों की सूचना पुलिस तक पहुंचाने में रुचि नहीं लेते। ऐसे में पुलिस का खुफिया तंत्र भी दिनोंदिन कमजोर होता जा रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि गत 6 माह में लूट, चोरी या नशे की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान में पुलिस के पास एक भी गिनाने लायक उपलब्धि नहीं है।

पकड़ हो रही कमजोर

हाल ही में शहर के चार स्थानों पर रहवासीय मकानों के ताले तोड़कर लाखों रुपए के जेवरात व नगदी पार हुए। सूचना पर पुलिस ने पहुंच मौका मुआयना कर मामला दर्ज किया, लेकिन चोरों का आज दिन तक पता नहीं लग पाया है। इसकी वजह पुलिस की बाजार में दिनोंदिन पकड़ कम होना है। परिणाम स्वरुप शहर में लूट या अन्य कोई बड़ी वारदात होती है तो पचपदरा थाने में कार्यरत दो-तीन कांस्टेबलों को यहां बुलाकर मामले के पर्दाफाश में लगाया जाता है। चार दिन पूर्व गांधीपुरा के आबादी इलाके में राह चलते व्यापारी के साथ लूट के मामले में छानबीन के दौरान स्थानीय पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा तो पचपदरा के दो कांस्टेबल को इस मामले में लगाया गया है।

चौथे दिन भी खाली हाथ

पुलिस थाने से महज कुछ दूरी पर 26 जुलाई की रात को राह चलते किराणा व्यापारी थानाराम चौधरी के साथ लूट हो गई। नकाबपोशों ने आबादी क्षेत्र में वारदात को अंजाम देकर 3.40 लाख रुपए उड़ा ले गए। जानकारी पर पुलिस ने मौके पर पहुंच जायजा लिया, नाकाबंदी भी करवाई, लेकिन नकाबपोश हाथ नहीं लगे। इस मामले में चौथे दिन भी पुलिस के हाथ आरोपितों की गिरेबां तक नहीं पहुंच पाए।

दर्ज मामलों में कई माह तक नहीं बढ़ पाती जांच

शहर पुलिस थाने में ऐसे कई प्रकरण दर्ज है, जिनकी रपट तो जरूर लिख दी गई है, लेकिन मामला अभी तक जांच में ही चल रहा है। आरोपितों से मिलीभगत के चलते अनुसंधान अधिकारी हर बार मामले को जांच में होना बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

9 फरवरी 2016 - डिस्कॉम के सहायक अभियंता आर.के.सोनी ने ठेकेदार के खिलाफ विद्युत पोल चोरी का मामला दर्ज करवाया। करीब पांच माह बाद भी पुलिस इस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। अनुसंधान अधिकारी एएसआई लादूराम मेगवाल के अनुसार मामले में जांच चल रही है।

16 मई 2016 - महादेव कॉलोनी स्थित लक्ष्मणराम घांची परिवार सहित बाहर गया हुआ था। चोर दरवाजा तोड़कर 1 लाख नगद, 8-10 तोला सोना, 2 किलो चांदी ले गए।

2 जून 2016 - हनवंत सराय के समीप महाश्रमण मार्ग पर स्थित एक रहवासीय मकान के ताले तोड़कर चोर 10 तोला सोना, 30 तोला चांदी व लाखों रुपए के जेवरात ले उड़े।

16 जुलाई 2016 - महाश्रमण मार्ग के समीप स्थित एक रहवासीय मकान से चोर करीब 3 लाख रुपए नगद व 20 तोला सोना चुरा ले गए।

की जा रही है पूछताछ

व्यापारी से लूट के मामले में अब तक 10-12 संदिग्धों से पूछताछ की गई है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं। अभी तक कोई खास सुराग हाथ नहीं लगा है।

हुकमाराम भील, अनुसंधान अधिकारी

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