गुजरात में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी बदल रही झुंझुनूं की आईपीएस बेटी सरोज कुमारी
सीकर. वे कई साल से जिस्मफरोशी के दलदल में फंसी थीं। ना बेटियां बच पा रहीं थीं ना बहुएं। अफसर और नेता तो कई बदले। किसी ने उन्हें 'धंधे' से छुटकारा नहीं दिलाया, मगर गुजरात के बोटाद जिले की एसपी बनकर आईं राजस्थान की आईपीएस बेटी सरोज कुमारी इनके लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं, जो डंडे के दम पर नहीं बल्कि प्यार और समझाइश से इनकी जिंदगी बदल रही हैं। अब तक 30 महिला सेक्स वर्कर्स 'गंदा काम' छोड़ चुकी हैं। ऐसी ही 15 और महिलाएं हैं, जो बदलाव की इस राह पर चल पड़ी हैं।
महिलाएं इसलिए अपना रही यह रास्ता
-गांव में अशिक्षा व गरीबी अधिक है।
-यहां शादियां देरी से होती हैं।
-लिंगानुपात में अंतर अधिक है।
-परिवार के पुरुष सदस्यों की मौन स्वीकृति।
-फैक्ट्रियों/कपास के खेतों में काम करने आते बाहर के श्रमिक।
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कौन हैं आईपीएस सरोज कुमारी
सरोज कुमारी वर्ष 2011 की गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनूं जिले की चिड़ावा तहसील के गांव बुडानिया की रहने वाली हैं। बोटाद में इनकी छवि लेडी सिंघम की है। फिरौती व वसूली करने वाले कई अपराधियों को ये जेल भिजवा चुकी हैं। पिछले साल से माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने निकले भारतीय लोक सेवा अधिकारियों के दल सरोज कुमारी एकमात्र महिला अधिकारी थीं।
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