नागौर कुख्यात अपराधी आनन्दपाल सिंह के घर की तलाशी के दौरान 70-80 करोड़ से भी अधिक सम्पत्ती के कागजात मिले।
वास्तविक खातेदारों से षडयंत्र पूर्वक व आनन्दपाल सिंह का भय दिखाकर निर्मल भरतिया नामक व्यक्ति करता है सौदेबाजी।
थानाधिकारी लाडनूँ ने जमीनों को 145 जा.फौ. के तहत कुर्क कराने हेतु पेश किया इस्तागासा।
कुख्यात अपराधी आनंद पाल सिंह की घर की तलाशी के दौरान करीब 70-80 करोड़ रुपये की संपति के कागज करामद हुवें हैं। इन संपति को आनंद पाल सिंह का भय दिखाकर आनंद पाल का गुरगा निर्मल भरतिया नामक व्यक्ति सौदेबाजी करता था। लाठनू पुलिस ने इन संपति को धारा 145 के तहत कुर्क कर न्यायालय में ईसतगशा पेश किया हैं।
नागौर पुलिस अधीक्षक परिस देषमुख ने बताया कि दिनांक दिनांक 22.07.16 की रात्रि में फिरोती, डकैती व जमीनों पर कब्जे करने के उद्देष्य से आये बदमााान द्वारा श्री लादूसिंह उ0नि0 थानाधिकारी पुलिस थाना जसवन्तगढ जिला नागौर के उपर सांवराद गांव मंे की गई फायरिंग में बदमाशान की धरपकड़ हेतु उनकी सकुनत पर श्री नरसीलाल मीणा सीओ डीडवाना, व नागरमल कुमावत थानाधिकारी लाडनूं मय कमांडो जाप्ता के दबिशें दी गई। उसी क्रम मंे उच्च अधिकारियों के निर्दशानुसार फरार वांटेड अपराधी आनन्दपालसिंह पुत्र स्व. हुकमसिंह जाति रावणा राजपुत निवासी सांवराद पुलिस थाना जसवन्तगढ जिला नागौर के दयानन्द काॅलोनी लाडनूं स्थित मकान पर दबिश दी गई एवं घर की तलाशी ली गई। तलाशी के दौराने अपराधी के घर में आनन्दपालसिंह की पत्नि के नाम, उसके भाई रूपेन्द्र पालसिंह व उसकी पत्नि के नाम एवं उसके रिस्तेदारों और अन्य लोगों के नाम नामी बेनामी सम्पति के दस्तावेज व एक टेबलेट मोबाईल मिला, जिनको बतौर वजह सबूत जप्त किया गया, जिनकी जांच जारी है, जब्त दस्तावेजों के अनुसार गैंगेस्टर के पास अनेक गाड़िया, कृषि भूमि, फार्म हाउस, खान व फ्लेट्स व प्लाॅट हैं, गैंगेस्टर ने ज्यादातर सम्पति अपनी करीबी सहयोगी एवं विश्वासी होने के कारण धर्मेन्द्र हरिजन व उसकी पत्नि सीतादेवी के नाम अत्याधिक सम्भावना है कि आपराधिक कृत्य से उक्त सम्पतियां करवा रखी है। धर्मेन्द्र हरिजन के नाम सम्पतियांे के सम्बंध में धर्मेन्द्र हरिजन से पुछताछ की गई तो धर्मेन्द्र हरिजन ने बताया कि मैंने पैसे देकर कोई सम्पति नहीं खरीदी है। इन लोगों ने डरा धमका कर अर्जित की गई सम्पतियां मेरे नाम करवाई है। मैंने इन सम्पतियों का आज दिन तक कभी उपयोग नहीं किया है। गैंगेस्टर ने न केवल दुसरे लोगों के नाम से बेनामी सम्पति क्रय की है, बल्कि उन लोगों से पाॅवर आटोर्नी/हक त्याग, अपने परिवार जनों व रिश्तेदारों के नाम लिखवा रखा है। गैंगेस्टर अपने गुर्गों के मार्फत विवादित सम्पतियांे को वास्तविक मालिक/कब्जे धारियों को डरा धमका कर अपनी गैंग के सदस्य व परिवारजनों के नाम करवा लेता है। उपरोक्त सभी सम्पतियां/वाहन गैंगस्टर ने अपराध ने अपराध कारित करके अर्जित की है।
उन्होने बताया कि जिन संपतियों के कागजात मिले हैं उनमें सरहद खानपुर तहसील लाडनूं में खसरा नम्बर 188 रकबा 12 बिघा, 10 बिस्वा, खसरा नम्बर 190 रकबा 14 बिघा 15 बिस्वा, खसरा नम्बर 69 रकबा 24 बिघा 15 बिस्वा, खसरा नम्बर 167 रकबा 02 बिघा 13 बिस्वा, खसरा नम्बर 167 रकबा 05 बिघा 05 बिस्वा, खसरा नम्बर 193 रकबा 14 बिघा 15 बिस्वा, खसरा नम्बर 189 रकबा 02 बिघा 15 बिस्वा, खसरा नम्बर 191 रकबा 18 बिघा 14 बिस्वा, खसरा नम्बर 185/486 रकबा 24 बिघा 04 बिस्वा, खसरा नम्बर 187 रकबा 35 बिघा 11 बिस्वा, खसरा नम्बर 507/185 रकबा 25 बिघा 00 बिस्वा, खसरा नम्बर 508/185 रकबा 09 बिघा 19 बिस्वा कुल खसरा 12 कुल रकबा 190 बिघा 17 बिस्वा जमीन है, जो राजस्व रेकार्ड के अनुसार अलग अलग खातेदारों के नाम दर्ज है, जिसका कुछ हिस्सा मेगा हाईवे में आया हुआ है, इस जमीन को लेकर न्यायालय जेएम कोर्ट लाडनूं में विभिन्न वाद/दावे चल रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उक्त सम्पूर्ण भूमि पर भूमाफियां का कब्जा चला आ रहा है एवं वास्तविक खातेदारों को अपनी जमीन से बेदखल करने हेतु रूपयों का प्रलोभन देना, धमकाना व मारपीट करके हटाया जा रहा है। उक्त सम्पूर्ण भूमि पर आनन्दपालसिंह व उसकी गैंग के सक्रिय सदस्यों का कब्जा है, जो वास्तविक खातेदारों से धीरे-धीरे नामान्तरण अपने कब्जे में करवाते आ रहे हैं, जिनमें से प्रमुख निर्मल भरतिया है, जिसने उक्त सम्पूर्ण भूमि की पाॅवर आॅफ अर्टाेनी अपने नाम करवा रखी है, एवं लोगों को बंदर बांट कर लोगों से रूपये ऐंठने में लगा है, जिसका ताजा उदाहरण प्रकरण संख्या 180/15 पीएस लाडनूं है। निर्मल भरतिया सुजानगढ थाने का सक्रिय बदमाष एवं हार्डकोर अपराधी है, जो आनन्दपालसिंह के साथ कई वारदातों में शामिल रहा है, जो उक्त भूमि पर झूठे इकरारनामे व कागजात लोगों के नाम तैयार करवाकर लोगों से रूपये ऐंठ रहा है, एवं जब लोग रजिस्ट्री व नामान्तरण करवाने का कहते हैं, तो आनन्दपालसिंह का डर दिखाकर भगा देता है, जिसको लेकर कई प्रकरण दर्ज हुए हैं एवं अधिकतर लोगों को आनन्दपालसिंह का भय दिखाकर थाने ही नहीं आने देता है। उक्त जमीन को लेकर पिछले दो-तीन वर्षों में ही 8 फौजदारी प्रकरण दर्ज हो चुके हैं, कई सिविल वाद भी दर्ज हो गये हैं। प्रकरण दर्ज करवाने वाले लोगों को डरा धमकाकर व मारपीट कर राजीनाम करने के लिए मजबुर कर देते हैं। निर्मल भरतिया व अन्य मिलकर भोले भाले लोगों को जमीन बेचने के नाम पर बुला लेते हैं, एवं जमीन बेचकर कब्जा सुपुर्द नहीं करते और वही जमीन आधे से भी कम दाम पर वापिस ले लेते हैं या लोगों को डरा धमका कर भगा देते हैं।
इस जमीन को लेकर कई बार मारपीट एवं अन्य घटनाऐं हो चुकी है, जिसके सुजानगढ व लाडनूं थाना में प्रकरण दर्ज होकर जैर ट्रायल/जैर अनुसंधान हैं, जमीन को लेकर निकट भविष्य में खुन खराबा व कानून व्यवस्था भंग होने की स्थिति को देखते हुवे उपरौक्त खसरान की भूमि को धारा 145 सीआरपीसी के तहत कुर्क करवाने हेतु श्री नागरमल कुमावत थानाधिकारी पुलिस थाना लाडनूं ने इस्तगासा न्यायालय श्रीमान एसडीएम साहब लाडनूं के कार्यालय में पेश किया गया है।
जप्त दस्तावेजों मंे अंकित सम्पति की किमत करीब 70-80 करोड़ रूपये से भी अधिक होने की सम्भावना है, इस सम्बंध मंे आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को कार्यवाही हेतु लिखा जायेगा।
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