बाड़मेर 23 जुलाई
बेटियों का अपमान नहीं सहेंगे-तारातराउत्तर प्रदेष के पूर्व बी.जे.पी. उपाध्यक्ष दयाषकंर सिंह के विवादित बयान के बाद बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा जिस तरह दयाषंकर सिंह के परिवार को निषाना बनाया गया उसके विरोद्ध स्वरूप आज बाड़मेर में कलेकट्रेट के आगे युवाओं ने विरोध प्रदर्षन किया व मायावती का पूतला फुंका।
महेन्द्रसिंह तारातरा ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि दयाषंकर सिंह ने जो गलती कि उसकी सजा उन्हे मिले और हम किसी भी तरह उनके बयान की पैरवी नहीं कर रहे है। बल्कि हमारा विरोध इस बात को लेकर है कि इस मामले में जिस तरह उनकी पत्नी स्वाती सिंह उनकी 12 वर्षीय लड़की को लेकर अमर्यादित नारे लगाये गये व उन्हे जान से मारने की धमकियां दी गई। जो कि सरासर गलत है और कोई भी समाज इस प्रकार के अमर्यादित आचरण को बर्दास्त नहीं करता है। और हद तो तब है जब एक औरत होकर भी बसपा सुप्रीमों मायावती भी इस प्रकार के गंदे नारो का समर्थन करती है।
भोमसिंह बलाई ने कहा कि ‘‘दयाषंकर की पत्नी और बेटी पेष करो - पेष करो’’ ऐसे नारे लगवाने वाले बसपा के नेता नसिमुदिन सिद्दीकी व बसपा के कार्यकर्ता और इन नारों का समर्थन करने वाली मायावती को तुरन्त गिरफ्तार किया जाये व दयाषंकर सिंह के परिवार को सुरक्षा मुहेया कराई जाये।
गजेन्द्रसिंह खारा ने कहा कि गाली के बदले गाली को समर्थन देना बसपा को बहुत भारी पड़ गया है। पूरे उत्तर प्रदेष में स्वाती सिंह के समर्थन में प्रदर्षन हो रहे है और स्वाती सिंह अचानक से ही उत्तर प्रदेष की राजनीति का एक बहुत बड़ा चेहरा बन गई है। स्वाती सिंह के सम्मान की लड़ाई केवल उत्तर प्रदेष तक ही सिमित नहीं है बल्कि पूरा देष उनके समर्थन मे आ गया है।
प्रदर्षन के दौरान ‘‘ बेटी के सम्मान में सारा देष मैदान में’’ ‘‘ षर्म करो षर्म करों-मायावती षर्म करो’’ ‘‘ स्वाती सिंह तुम संघर्ष करों-हम तुम्हारे साथ है’’ इस प्रकार के गगन भेदी नारे लगाये गये व टायर और मायावती का पूतला जलाया।
वहीं प्रदर्षन के दौरान हठेसिंह रामदेरिया, रतनसिंह भाटी, नेपालसिंह तिबनीयार, नरेन्द्रसिंह खारा, बांकसिंह महाबार, लोकिन्द्र सिंह गोरड़िया, ष्यामसिंह फोगेरा, तनवीरसिंह फोगेरा, विजयसिंह तारातरा, मनोज दवे, जगदीष राजपुरोहित, दिलीपसिंह कपूरड़ी, विक्रमसिंह तामलोर, नरपतसिंह बावड़ी, रावलसिंह जाजवा, जोगराजसिंह बामणी, सहदेव सिंह खारा, अनिल सोनी, सिकन्दर खान, रतनसिंह उत्तरलाई, जयपालसिंह बुथ, सिकन्द्रसिंह गिराब, भूपतसिंह स्वामी का गांव सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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