शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

बाड़मेर। डब्ल्यूएचओ : 1 हजार पर हो 1 चिकित्सक, बाड़मेर : 12750 लोगों पर 1 चिकित्सक

बाड़मेर। डब्ल्यूएचओ : 1 हजार पर हो 1 चिकित्सक, बाड़मेर : 12750 लोगों पर 1 चिकित्सक


बाड़मेर। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में 26 लाख की आबादी के लिए चिकित्सकों की कमी रोगियों का मर्ज पर भारी पड़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1:1000 चिकित्सक-मरीज अनुपात होना चाहिए, लेकिन यहां तो 12 गुणा से भी ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी एक चिकित्सक पर है। ऐसे में बढ़ते काम के भरोसे चिकित्सक परेशान हो हरे हैं।


डब्ल्यूएचओ : 1 हजार पर हो 1 चिकित्सक, बाड़मेर : 12750 लोगों पर 1 चिकित्सक

वहीं दूसरी ओर सरकार लाख कोशिशों के बावजूद इस अनुपात को पाटने में नाकाम रहा है। इस कारण सरकार नि:शुल्क जांच व दवा योजना का लाभ लोगों को पहुंचाने में काफी हद तक नाकाम साबित हो रही है। और तो और बाड़मेर जिले में गंभीर बीमारियों का उपचार ही संभव नहीं है। इस कारण यहां से मरीजों को रेफर टू जोधपुर या रेफर टू गुजरात कर दिया जाता है।

भगवान भरोसे उपचार
जिले की विकट भौगोलिक परिस्थितियों एवं आवागमन के साधनों की कमी के बावजूद यहां चिकित्सकों के स्वीकृत पद भी नहीं भरे गए हैं। जिले में अधिकांश लोग ढाणियों में निवास करते है, जहां सड़कों के साथ साधनों की भी कमी है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं, सर्पदंश सहित आपातस्थितियों में मरीज को चिकित्सक तक समय पर पहुचंने में मशक्कत करनी पड़ती है।

इन सुविधाओं की दरकार

- जिला मुख्यालय पर 16 करोड़ की लागत से निर्मित मातृ एवं शिशु चिकित्सालय को जल्द शुरू किया जाए।

- राज्य सरकार की ओर से खरीद की स्वीकृति के ढाई वर्ष भी डायलिसिस मशीन की सुविधा नहीं होने से सैकड़ो मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

- जिले में नेत्र चिकित्सकों के पद रिक्त होने से आंखों के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

- ट्रोमा सेंटर में सभी तरह के संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही।





वैकल्पिक व्यवस्था के भरोसे

जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से चिकित्सकीय कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर कार्य कर रहे हैं।

डॉ. सुनिल कुमारसिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी





जिला अस्पताल पर पड़ रहा भार

ग्रामीण चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यहां भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण कार्य प्रभावित होता है।

डॉ. देवेन्द्र भाटिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बाड़मेर





जिले में पदों की स्थिति

पदनाम स्वीकृत रिक्त

कनिष्ठ विशेषज्ञ औषध 22 19

कनिष्ठ विशेषज्ञ शल्य 22 20

कनिष्ठ विशेषज्ञ स्त्री 6 6

कनिष्ठ विशेषज्ञ शिशु 6 5

कनिष्ठ विशेषज्ञ नेत्र 2 2

कनिष्ठ विशेषज्ञ क्षय 1 1

क. विशेषज्ञ निश्चेतना 2 2

व. चिकित्सा अधिकारी 20 15

बीसीएमओ 8 7

चिकित्सा अधिकारी 179 22

चिकित्सा अधिकारी दंत 13 9

राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर

वरिष्ठ विशेषज्ञ 6 5

उप नियन्त्रक 1 -

कनिष्ठ विशेषज्ञ 19 13

व. चिकित्सा अधिकारी 4 1

चिकित्सा अधिकारी 30 10

कुल 341 137





फैक्ट फाइल

26 लाख से ज्यादा है जिले की आबादी

2600 चिकित्सक होने चाहिए डब्ल्यूएचओ के अनुसार

341 पद स्वीकृत है बाड़मेर में

204 ही कार्यरत हैं विभिन्न अस्पताल में

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