व्हॉट्सएप को बंद करने के लिए SC में मुकदमा, बुधवार होगी सुनवार्इ, जानें पूरा मामला
क्या आपका चहेता व्हॉट्सएप बंद हो जाएगा? भविष्य में क्या होने वाला है इसकी कोर्इ परिकल्पना नहीं कर सकता है लेकिन यह सच है कि व्हॉट्सएप मैसेज का सीक्रेट रहना ही उसके लिए मुसीबत बन चुका है। बात यहां तक पहुंच चुकी है कि अब देश का सर्वोच्च कोर्ट अगले बुधवार उसका भाग्य तय करने जा रहा है। यह सर्वविदित है कि एंड टू एंड एंक्रिप्शन लागू होने के बाद से व्हॉट्सएप पर आने वाला कोर्इ भी मैसेज इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता है।
वैसे देखा जाए तो यूजर के लिए यह एक अच्छी बात है क्योंकि इससे उनका मैसेज की सीक्रेसी कायम रहती है। मगर फर्ज कीजिए कि यह अगर कोर्इ आतंकी मैसेज है तो मामला गंभीर हो सकता है। व्हॉट्सएप को पहले भी इस बारे में सरकारी चेतावनी जारी हो चुकी है। सुरक्षा एंजेसियां चाहती हैं कि वे प्रत्येक व्हॉट्सएप मैसेज को जब चाहे जहां चाहे खंगाल सकें क्योंकि उनको डर है कि इसे यूज करके आतंकी बड़ा हमला कर सकते हैं।
हालांकि यह भी सच है कि तकनीकी तौर पर एेसा करना संभव नहीं है तो फिर व्हाट्सएप को बंद करना ही एकमात्र रास्ता नजर आता है। हाल ही में हरियाणा के एक आरटीआर्इ कार्यकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में व्हॉट्सएप के खिलाफ मुकदमा दायर करते हुए उस पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। उनका तर्क है कि व्हॉट्सएप ने अप्रेल से अपने हर मैसेज को 256 बिट एंक्रिप्शन कोड दे दिया है जिसे तोड़ा नहीं जा सकता है।
यादव ने अपने पिटिशन में लिखा है कि अगर व्हॉट्सएप ये डाटा सरकार को दे भी देता है तब भी इसे डिकोड नहीं किया जा सकता है क्योंकि एेसा करने के लिए एजेंसियों के पास डिक्रिप्शन-की मौजूद नहीं है। आतंककारी इसकी मदद लेकर आपस में चैट कर से देश को नुकसान पहुंचाने की योजना बना सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं पड़ेगी। इसलिए देश को होने वाले संभावित आतंकी खतरे को देखते हुए भारत में व्हाॅट्सएप को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया जाना चाहिए।
अपने पिटिशन में यादव ने इस बात का जिक्र किया है कि व्हॉट्सएप मैसेज को डिक्रिप्ट करना असंभव है क्योंकि इसके लिए की-काॅम्बिनेशन की संख्या इस पेज की एक पूरी लाइन से भी बड़ी होगी। यह संख्या इतनी बड़ी है कि इसे डिक्रिप्ट करने में ही हजारों साल लग जाएंगे इसलिए एेसा करना असंभव है।
यहां तक कि एक सुपर कंप्यूटर भी यह काम नहीं कर सकेगा। यादव आगे कहते हैं व्हॉट्सएप के अलावा हाइक, वायबर, सिक्योर चैट आैर इन जैसे अन्य एप भी अपने मैसेज में हार्इ एंक्रिप्शन तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।
इसलिए ये एप भी देश के लिए खतरा हैं। 27 वर्षीय यादव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मुकदमा दायर करने से पहले उन्होंने टेलिकाॅम रेगुलेटरी आॅथोरिटी आॅफ इंडिया (ट्रार्इ) और दूरसंचार व आर्इटी मंत्रालय को इस बाबत पत्र लिखा था लेकिन उन्हें कोर्इ जवाब नहींं मिला। सुप्रीम कोर्ट अब बुधवार 29 जून को इस मामले की सुनवार्इ करेगा।
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