शनिवार, 4 जून 2016

मारा गया मथुरा हिंसा का मास्टरमाइंड, DGP जाविद अहमद ने किया Tweet

मारा गया मथुरा हिंसा का मास्टरमाइंड, DGP जाविद अहमद ने किया Tweet


मथुरा: मथुरा हिंसा का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव मारा गया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी जाविद अहमद ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है। जावीद ने कहा कि रामवृक्ष के सहयोगी ने रामवृक्ष की लाश पहचान ली है।



बता दें कि जवाहरबाग में हुई हिंसा में पुलिस अधीक्षक और एक थानाध्यक्ष समेत 24 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि कई घायल हैं। इस मामले में पुलिस ने 368 दंगाइयों को गिरफ्तार किया है। इस मौत के तांडव का सरगना रामवृक्ष यादव करीब 5000 कथित सत्याग्रहियों के साथ सरकारी जमीर पर कब्जा किए हुए था। जिसे खाली करने के लिए कोर्ट ने आदेश भी दिया था। बावजूद इसके वह उसे खाली करने को तैयार नहीं था। पुलिस इस अवैध कब्जे को खाली कराने गई तो वह अपने साथियों के साथ पुलिस पर अंधाधुंध गोलिया बरसाने लगा। इस झड़प में दंगाइयों ने पुलिस पर राइफल, हथगोला आदि से हमला किया जिससे पता चलता है कि दंगाई पूरी तैयारी के साथ बैठे थे।



कौन है रामवृक्ष यादव?

गाजीपुर का रहने वाला रामवृक्ष यादव 15 मार्च 2014 में करीब 200 लोगों के साथ मथुरा आया था और इसने प्रशासन से यहां रहने के लिए दो दिन की इजाजत ली थी। लेकिन दो दिन बाद भी वो यहां से हटा नहीं। शुरुआत में वो यहां एक छोटी सी झोपड़ी बना कर रहता था, धीरे-धीरे यहां पर और झोपडिय़ां बनीं, इसके बाद उसने 270 एकड़ में अपनी सत्ता चलाने लगा। वह इतना ताकतवर हो गया कि प्रशासन भी उसका कुछ नहीं कर पा रहा था।



कभी हुआ करता था जयगुरुदेव का शिष्य

यह पहले जयगुरुदेव का शिष्य हुआ करता था। गुरू की विरासत का दावा करने वाले रामवृक्ष की दाल जब नहीं गली तो वो उनसे अलग हो गया। यही नहीं उसने गुरू के आश्रम पर हमले की साजिश भी रची। अपनी मांगो को लेकर धरने के नाम पर वो मथुरा के जवाहर बाग में आया और धीरे-धीरे करीब 280 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर बैठा।



संस्था की करतूत

इस संस्था का काम आजाद भारत में गुंडागर्दी, अवैध कब्जा और आसपास रहने वालों को सताना है। हैरान करने वाली बात ये कि इस संस्था ने दिल्ली में धरना-प्रदर्शन के नाम पर मथुरा में अड्डा जमाया और दो साल तक जवाहरबाग में जमे रहे। मथुरा के इन सत्याग्रहियों ने एक दिन में जो सत्यानाश किया वो पुलिस के लिए हजम करना भारी पड़ रहा है। भयावह गोलीकांड में नुकसान को झेलने के बाद जब पुलिस ने इन सत्याग्रहियों के अड्डे को कब्जे में किया तो वहां से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ।



मौके से बरामद हुआ हथियारों का जखीरा

हिंसा स्थल से भारी हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। इतनी मात्रा में हथियार देखकर पुलिस दंग रह गई। हथियारों में 315 बोर की 45 पिस्तौलें, 12 बोर की 2 पिस्तौलें, 315 बोर की 5 राइफलें, राइफल के 80 जिंदा कारतूस, 12 बोर के 80 कार्टिजेस, 320 बोर के 5 खोखे।



ऐसे शुरू हुआ मौत का तांडव

दरअसल पूरा मामला मथुरा के जवाहरबाग में 280 एकड़ जमीन पर कब्जे से जुड़ा है। इस पर सत्याग्रही संस्था ने अवैध कब्जा कर लिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका के बाद अदालत ने आदेश पारित किया और आदेश दिया कि जल्द से जल्द अतिक्रमण की गई जमीन को खाली करें। कोर्ट ने अपने आदेश को लागू करने के लिए पुलिस को निर्देश पारित किया। पुलिस अतिक्रमण हटाने गई थी, जिस पर सत्याग्रहियों ने हमला बोल दिया। इसमें दो पुलिस अफसरों सहित करीब 21 लोग मारे गए हैं।

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