जोधपुर जोधपुर कलक्टर ने फरियादियों के लिए 'ये' की अनूठी पहल, नहीं जाना पड़ता वकीलों के पास
जोधपुर के कलक्टर कार्यालय आने वाले लोगों को अब अपने परिवाद को लिखवाने के लिए किसी का मुंह नहीं देखना पड़ेगा। कलक्टर चैम्बर के बाहर ही एक व्यक्ति आम लोगों की शिकायतें सुनकर कर नि:शुल्क परिवाद लेखन कर रहा है। यह अनूठी पहल खुद कलक्टर विष्णुचरण मल्लिक ने ही की है।
कलक्टर मल्लिक ने कलक्टे्रट में समस्याओं को लेकर आने वाले लोगों के लिए एक दिव्यांग को अपने चैम्बर के बाहर ही कुर्सी और टेबल देकर बिठाया है। वो प्रतिदिन कलक्टर से मिलने वाले वालों की शिकायतों को एक तय फॉर्मट में नि:शुल्क लिखकर देता है। इससे यहां आने वाले फरियादियों को अपनी शिकायतों को लिखवाने के लिए किसी वकील या अन्य व्यक्तियों के पास नहीं जाना पड़ रहा है। खास बात तो यह है कि खुद कलक्टर ही उसे इस कार्य के लिए प्रतिमाह अपने वेतन में से 25 सौ रुपए दे रहे हैं।
बहुत उत्साहित है प्रहलाद
एेसा नहीं है कि जनता के लिए नि:शुल्क पत्र लिखने वाला प्रहलाद काफी खुश है। प्रहलाद ने बताया कि वो पहले एक प्राइवेट स्कूल में कार्यरत था। बाद में उसने वहां से नौकरी छोड़ दी और कलक्टर से मिला तो कलक्टर ने उसे अपने चैम्बर के बाहर ही इस कार्य के लिए लगा दिया। उसने बताया कि उसके पिता और भाई खान में काम करते हैं। वो यहां पर काम करके काफी खुश है। प्रहलाद का कहना है कि वो यहां बैठकर लोगों को सच्ची सेवा कर रहा है। उसने बताया कि वो प्रतिदिन 3-4 पत्र लिखता है।
पोर्च में ही बैठकर कलक्टर ने की जनसुनवाई
गुरुवार को कलक्टर भी बैठक से फ्री होकर दिव्यांग प्रहलाद के पास बाहर पोर्च में आकर बैठ गए और वहीं पर बैठकर लोगों की समस्याएं सुनना शुरू कर दी। यहां आए लोग और अन्य स्टाफ भी यह देखकर दंग रह गए कि कलक्टर अपने कक्ष के बाहर ही लोगों से मिलकर उनके समस्याओं के लिए अपने पीए को निर्देश दे रहे थे।
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