मंगलवार, 21 जून 2016

बाड़मेर राजवेस्ट में श्रमिकों का धरना सम्पन्न



बाड़मेर राजवेस्ट में श्रमिकों का धरना सम्पन्न



भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले राजवेस्ट पावर ठेका मजदूर संघ, भादरेष से सम्बद्ध श्रमिकों ने राजवेस्ट पाव लिमिटेड की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में विभिन्न श्रमिक समस्याओं के समाधान का लेकर राजवेस्ट पावर प्लांट के गेट पर एक दिवसीय सांकेतिक धरने का आयोजन किया गया। धरने में उपस्थिति सैंकड़ों श्रमिकों को भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष जोगाराम खोथ एवं संयुक्त मंत्री भीखसिंह राजपुरोहित ने सम्बोधित किया। उक्त धरने के बाद जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर मजदूरों की समस्याओं के यथाषीघ्र निदान करने के लिये ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में प्रमुख मांगे प्लांट में कार्यरत भू-वंचित श्रमिकों को स्थायी श्रमिक घोषित करने, प्लांट में कार्यरत श्रमिकों को श्रम कानूनों के तहत देय आकस्मिक अवकाष , उपार्जित अवकाष तथा चिकित्सा अवकाष का लाभ दिया जाने, श्रमिकों को न्यूनतम वेतन 15000/- रू दिये जाने, कार्यरत श्रमिकों को वर्दी, इण्डस्ट्रीयल सूज, एवं समस्त प्रकार के सुरक्षा साधन उपलब्ध कराने, श्रमिकों को वैध वेतन पर्ची उपलब्ध कराई जाने, डिप्लोमाधारी श्रमिकों को उनकी ट्रेड के अनुरूप पदोन्नति दिये जाने, नियोजक कम्पनी द्वारा अनुचित श्रम व्यवहार करते हुए प्लांट की सेवा से बेदखल किये गये संघ के अध्यक्ष श्री गणेषदान, संगठन मंत्री श्री वीरमाराम और सदस्य श्री ईष्वरसिंह को पुनः कम्पनी की सेवा में बहाल किया जाने आदि मांगों का मांग पत्र सौंपा गया। धरने में संघ के अध्यक्ष गणेषदान, महामंत्री सोनाराम डूडी, संगठन मंत्री वीरमाराम, नीम्बाराम सहित समस्त कार्यकारिणी एवं सैकड़ों श्रमिकों ने भाग लिया। धरना कार्यक्रम को विभिन्न संगठनों द्वारा समर्थन दिया गया। जिसमें षिवसेना जिला प्रमुख बसंत खत्री ने अपने दल सहित धरनार्थियों को सम्बोधित कर हौषला आफजाई की तथा आवष्यकता पड़ने पर हर संभव सहायता देने का आष्वासन दिया। इसी प्रकार संघ को जोधपुर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ, बाड़मेर, जलदाय विभाग मजदूर संघ बाड़मेर एवं जिला इटंक विद्युत के महामंत्री श्री जेठाराम षर्मा ने समर्थन दिया। उक्त संगठनों के समर्थन पत्र जिला कलेक्टर के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भिजवाये गये हैं। संघ के अध्यक्ष गणेषदान ने कंपनी प्रबन्धन को अड़ियल रूख को त्यागकर श्रमिक हित एवं उद्योग हित में वार्ता करने का आव्हान किया। उन्होनें कहाकि यदि जेएसडब्लयू द्वारा श्रमिक मांगों को नहीं माना जाता है तो आगामी रणनीति के तहत जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के बाहर अनिष्चितकालीन धरना लगाया जायेगा तथा इसके फलस्वरूप होने वाली औद्योगिक अषान्ति के लिये राजवेस्ट प्रषासन और जिला प्रषासन जिम्मेवार होगा।

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