नाॅर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय का प्रतिनिधिमंडल भारत यात्रा पर अमेरिका भारतीय स्टार्टअप के प्रति जागरूक
नई दिल्ली, 10 जून 2016
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जब संयुक्त अमेरिका की संसद में अपना वक्तव्य देने के लिए वहां गये हुए हैं ठीक उसी समय संयुक्त अमेरिका बोस्टन के नाॅर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया हुआ है। इस प्रतिनिधिमंडल में तीस छात्र शामिल हैं। वे भारत के पर्यावरण, औद्योगिकीकरण, बुनियादी परिस्थिति विज्ञान के प्रभाव पर अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल के छात्र लियोपोल्ड, तविस फेनवर्ड, लिंडसे ब्रेसलर एवं उदित भाटिया ने आज दिल्ली में एक विशेष सत्र मंे भारत के उभरते स्टार्टअप पर चर्चा करते हुए कहा कि अमेरिकन भारतीय स्टार्टअप पर अपनी नजर रखे हुए हैं और वे इसे विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक मान रहे हैं।
विदित हो कि यह तीस छात्रों का प्रतिनिधिमंडल नाॅर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय के सिविल एवं पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. ओरूप गांगुली के नेतृत्व में पर्यावरण परिवर्तन पर पारस्परिक बातचीत के द्वारा प्रारूप तैयार करने हेतु भारत आया हुआ है। इस प्रतिनिधिमंडल ने भारत की अर्थव्यवस्था के मुख्य स्रोत पानी, ऊर्जा, कृर्षि, उद्योग और स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञ प्रतिनिधियों से पैनल वार्ताएं करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। औद्योगिक क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने के लिए स्काईकैंडल डाॅट इन के संस्थापक श्री गौरव गर्ग, उनके कार्यकारी अधिकारी सुश्री अदीति जोशी एवं सीओओ श्री विशाल लक्कबथीनी ने भाग लिया। स्काईकैंडल का प्रतिनिधित्व उभरते हुए भारतीय स्टार्टअप के रूप में था। श्री गौरव गर्ग ने इस अवसर पर कहा कि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है जिसमें नये उभरते स्टार्टअप पर भारी संभावनाएं टिकी हुई हैं। उन्होंने दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों को भारत में निवेश की दृष्टि से इस अवसर को लाभकारी बताया।
नाॅर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय का यह प्रतिनिधिमंडल पांचों मुख्य आर्थिक स्रोतों पर एक संतुलित बजट का प्रारूप तैयार कर उसे समान रूप से विभाजित किये जाने पर सहमत हुआ। लेकिन पर्यावरण टीम ने कुल बजट का 60 प्रतिशत उसके लिए निर्धारित करने पर जोर दे रही थी। लेकिन पैनल ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सरल प्रक्रियाओं जैसे बंजर भूमि पर कृत्रिम सिंचाई आदि पर बल दिया और बुनियादी औद्योगिक स्थापना की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यावरण और औद्योगिकी के संतुलित विकास को आवश्यक बताया।
उभरती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था में स्टार्टअप नये-नये शहरों में उभर रहे हैं। इन उभरते हुए स्टार्टअप एवं औद्योगिक ईकाइयों के लिए जरूरी है कि वे मजबूत पर्यावरण कानूनों का पालन करें। उद्योग जहां परिवारों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जरूरी हैं वहीं पर्यावरण जीवन को बचाये रखने के लिए जरूरी है। इसलिए दोनों के बीच में संतुलन बनाये रखना जरूरी है। पर्यावरण को उपेक्षित करके किया गया विकास अंततः विनाश का कारण हो सकता है। इसलिए प्रारंभिक अवस्था में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था जरूरी है। यही नाॅर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय के छात्रों की भारत यात्रा का निष्कर्ष है।
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