कुंभ में बोले मोदी, हम तो चांद-सूरज में भी परिवार का भाव देखते हैं
उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंहस्थ कुंभ के दौरान निनौरा में आयोजित विचार महाकुंभ के समापन समारोह को संबोधित करने पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुंभ की परंपरा हजारों साल पुरानी है। यह विशाल भारत को समेटने का माध्यम है।उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ एक अद्भुत सामाजिक संरचना थी। अब केवल परंपरा रह गई है। इससे समाज की दिशा तय होती है। मोदी ने संस्कारों के संबंध में कहा कि यहां भिक्षुक के मुंह से भी निकलता है कि जो दे उसका भला, जो न दे उसका भी भला।
ये संस्कार हमारी रगों में हैं। ये खो न जाएं। नर कर्म करता है तो नारायण हो जाता है। महान परंपराओं के संबंध में मोदी ने कहा कि हम श्रीराम का पूजन करते हैं, जिन्होंने पिता की आज्ञा का पालन किया। हम प्रह्लाद की भी पूजा करते हैं, जिन्होंने पिता की आज्ञा का पालन नहीं किया। हम दर्शन की परंपराओं से निकले लोग हैं। कुंभ के प्रबंधन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कुंभ के मैनेजमेंट पर भी दुनिया को स्टडी करनी चाहिए।
उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंहस्थ कुंभ के दौरान निनौरा में आयोजित विचार महाकुंभ के समापन समारोह को संबोधित करने पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुंभ की परंपरा हजारों साल पुरानी है। यह विशाल भारत को समेटने का माध्यम है।उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ एक अद्भुत सामाजिक संरचना थी। अब केवल परंपरा रह गई है। इससे समाज की दिशा तय होती है। मोदी ने संस्कारों के संबंध में कहा कि यहां भिक्षुक के मुंह से भी निकलता है कि जो दे उसका भला, जो न दे उसका भी भला।
ये संस्कार हमारी रगों में हैं। ये खो न जाएं। नर कर्म करता है तो नारायण हो जाता है। महान परंपराओं के संबंध में मोदी ने कहा कि हम श्रीराम का पूजन करते हैं, जिन्होंने पिता की आज्ञा का पालन किया। हम प्रह्लाद की भी पूजा करते हैं, जिन्होंने पिता की आज्ञा का पालन नहीं किया। हम दर्शन की परंपराओं से निकले लोग हैं। कुंभ के प्रबंधन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कुंभ के मैनेजमेंट पर भी दुनिया को स्टडी करनी चाहिए।
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