जोधपुर मौत के फंदे में फंसी मादा पैंथर को कैसे बचाया
पाली जिले के देसूरी क्षेत्र में 17 मई को जोधपुर वन्यजीव रेस्क्यू टीम ने मादा पैंथर को बचाया था। अब उसके शिकार की कोशिश करने वालों की सरगर्मी से तलाश शुरू हो चुकी है। मादा पैंथर के अगले बाएं पंजे को शिकारियों ने ट्रेप (कुड़क) में फंसा कर मारने की कोशिश की, लेकिन करीब ढाई वर्षीय युवा मादा पैंथर कुड़क में फंसी होने के बावजूद संघर्ष करते हुए रिहायशी क्षेत्र तक पहुंच गई।
ग्रामीणों की सूचना पर पाली डीएफओ अन्य वन अधिकारी मौके पर पहुंचे। पैर में लगी कुड़क कंटीले तारों में फंस जाने के कारण मादा पैंथर काफी देर तक छटपटाती रही। आखिरकार जोधपुर की रेस्क्यू टीम ने पैंथर को सुरक्षित बचाकर जोधपुर के माचिया सफारी में इलाज शुरू किया। चिकित्सक के अनुसार मादा पैंथर स्वस्थ है और नियमित रूप से आहार ले रही है। पैर की मोच व घाव के कारण फिलहाल चलने में कुछ तकलीफ हो रही है।
नहीं लिया सबक
पिछले पांच साल में जोधपुर संभाग के माउंट आबू व कुंभलगढ़ व अरावली प्राकृतवास को छोड़कर पैंथर भोजन पानी की तलाश में जोधपुर शहर सहित थार के रेगिस्तानी क्षेत्र बाड़मेर तक पहुंच चुके हैं। एेसी 12 से अधिक घटनाएं पांच सालों में होने के बावजूद वन विभाग ने कोई सबक नहीं लिया है।
भूखे प्यासे पैंथर भोजन की तलाश में प्राकृतवास छोड़ कर भटकने से कई बार रिहायशी क्षेत्रों में तो कई बार शिकारियों अथवा गांव वालों के हत्थे चढ़कर अपनी जान गवां देते हैं। जोधपुर संभाग में वन विभाग की ओर से वर्ष 2015 में हुई सेन्सस रिपोर्ट में पैंथरों की संख्या पाली जिले में 9 और माउण्ट आबू में 40 बताई गई है।
पहली बार एेसी घटना
पाली जिले में पैंथर के ट्रेप होने की घटना पहली बार है। अज्ञात शिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है। पैंथर बहुल क्षेत्र देसूरी, बर, मारवाड़ जंक्शन, बाली सहित कुल 40 वाटर पॉइंट वाली जगहों पर पानी की कमी होने पर टैंकरों से व्यवस्था की गई है। -बालाजी करी, उपवन संरक्षक पाली
डीएफओ से रिपोर्ट मांगी
देसूरी में रेस्क्यू मादा पैंथर के कुड़क लगे होने के बारे में पाली के डीएफओ से पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया है। क्षेत्र में रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने व गर्मी में पैंथर बहुल क्षेत्रों में पानी की सुचारू व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। -गोबिन्द सागर भारद्वाज, मुख्य वन संरक्षक जोधपुर संभाग
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