इस्लामाबाद।मंजूर हुई ये सिफारिश तो पाकिस्तान में शादी से खौफ खाएंगी लड़कियां!
पाकिस्तान में महिलाओं को लेकर एक अजीबोगरीब प्रस्ताव रखा गया है। इसमें काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी ने महिला संरक्षण विधेयक में यह कहा है कि अगर पत्नी पति की बात न मानें तो उसे पत्नी की हल्की पिटाई का हक दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सीआईआई अपने प्रस्तावित बिल को पंजाब असेंबली भेजेगी। हालांकि ये सिफारिशें मानने को संसद बाध्य नहीं है। सिफारिश करने वाली संस्था काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी को पाकिस्तान में कानूनी दर्जा हासिल है। सीआईआई का दावा है कि उनका यह प्रस्ताव शरिया और कुरान के मुताबिक है।
संस्थान ने कहा है कि अगर औरत पति की बात न माने, उसके अनुसार कपड़े न पहने, शारीरिक संबंध बनाने से मना करे, हिजाब न पहने, तो पति उसे पीट सकता है। इसके अलावा इसमें अजनबियों से बात करना, तेज आवाज में बोलना और पति की सहमति के बगैर लोगों की आर्थिक मदद करना भी शामिल है। इन स्थितियों में भी पति का पत्नी को पीटना वाजिब है।
इस नए बिल में महिलाओं पर कई बैन लगाए
नए बिल अनुसार पाकिस्तान में महिलाएं विदेशी डेलीगेशन का स्वागत नहीं कर सकतीं। बिल में कहा गया है िक महिला नर्सें पुरुष मरीजों का ध्यान नहीं रख सकती हैं। वे किसी फौजी लड़ाई का हिस्सा नहीं बन सकतीं। वे किसी एड में भी काम नहीं कर सकतीं। प्राइमरी एजुकेशन के बाद लड़कियां को-एड स्कूलों में नहीं पढ़ सकतीं। गौरतलब है कि इससे पहले भी सीआईआई ने एक बिल बनाया था, जिसे पंजाब असेंबलीने गैर इस्लामी करार देकर ठुकरा दिया था।
कुछ आजादी भी इसमें महिलाओं को दी गई
गर्भधारण के 120 दिन बाद अबॉर्शन करवाने को हत्या करना माना जाए। राजनीति में जा सकेंगी। अपने पेरेंट्स की इजाजत के बिना निकाह कर सकेंगी। इसके अलावा गैर मुस्लिम महिला का जबरन धर्म बदलवाने वाले को तीन साल की सजा का प्रस्ताव भी रखा गया है। साथ ही अपने पुराने धर्म में लौटने वाली महिला को मौत की सजा दी जाए। सीआईआई का दावा है कि उनके प्रपोजल के जरिए डोमेस्टिक वॉयलेंस को कानूनी रूप दिया जा सकेगा।
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