अजब-गजब : तीन वर्ष की बालिका के पेट में भ्रूण
कोटा. शहर के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बंूदी निवासी तीन वर्षीय बालिका के पेट में अविकसित भू्रण निकला है। रेडियोलॉजी विभाग द्वारा संदेह जताने के बाद पीडियाट्रिक सर्जन की जांच में भी यह सामने आया। गिठान के रूप में बाहर निकाले गए भू्रण को अब पैथोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजा गया है।
रेडियोलॉजी विभाग की हेड डॉ.संगीता सक्सेना ने बताया कि बालिका सीटी स्केन के लिए आई थी। रिपोर्ट को देखने पर लगा कि भू्रण हो सकता है।
इस संबंध में साथी डॉक्टरों से बातचीत की। हालांकि इसकी पुष्टि हिस्टोपैथोलॉजी जांच में होगी। स्केन 31 मई को हुआ था। ऑपरेशन के बाद निकाली गई करीब 15 सेमी की गिठान का एक्स-रे व अन्य जांच करने के बाद पता चला कि भू्रण के हिप ज्वाइंट्स बनने लगे थे। रीढ़ की हड्डी भी दिख रही थी।
इसके अलावा फीमर व फेफड़े भी अल्पविकसित नजर आ रहे हैं। इसे देखते हुए ही भ्रूण की पुष्टि हुई। लीवर व राइट किडनी के बीच गिठान बड़ी हो रही थी, जो किडनी को दबा रही थी।
क्यों होता है ऐसा
डॉ.सक्सेना ने बताया कि यह मामला जुड़वां बच्चों की पैदाइश में ही संभव है। जुड़वां भू्रण होने पर एक भू्रण के पेट में दूसरा विकसित हो जाता है। जर्नल्स में प्रकाशित रिपोट्र्स के अनुसार, करीब पांच लाख बच्चों में एक मामला ऐसा होता है।
बच्चे के पेट में भू्रण होने के कारण पूरा पोषण नहीं मिल पाता। बाद में भी खून की सप्लाई होने के कारण गिठान के रूप में बढ़ता जा रहता है। उन्होंने कहा कि 1989 से रेडियोलॉजी में कोटा में सेवाएं दे रही हूं। अब तक तीन मामले सामने आए हैं। इसमें 1993 में एक तथा 2010 में दूसरा था।
ऑपरेशन कर जानी सच्चाई
पीडियाट्रिक सर्जन डॉ.संजय जैन ने बताया कि बालिका के पेट में गिठान थी। पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत बालिका की जांच की गई। जांच में पेट में गिठान सामने आई और इसका ऑपरेशन किया जाना तय किया गया।
बालिका को भर्ती करवाकर जांच करवाई गई। सीटी स्केन में भू्रण होने का अंदेशा हुआ। इसके बाद गुरुवार को ऑपरेशन किया गया। करीब दो किलो वजनी गिठान निकाली गई।
इसकी थ्री डी फिल्म बनाई गई, जिसमें भू्रण होने की पुष्टि हुई। ऑपरेशन में डॉ.कमलेश तिवारी, डॉ.पवन बंसल, निश्चेतना विभाग के डॉ. चेतन शुक्ला, डॉ.संजय कालानी, डॉ.विनिता, डॉ.हंसराज व डॉ.राकेश का सहयोग रहा।
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