बुधवार, 25 मई 2016

बाड़मेर भारत माला से बदलेगी सरहदी इलाके की फिजा

बाड़मेर भारत माला से बदलेगी सरहदी इलाके की फिजा

भारत माला से बदलेगी सरहदी इलाके की फिजा
बाड़मेर भारत माला प्रोजेक्ट से सीमावर्ती क्षेत्र की फिजा बदलने जा रही है। पश्चिमी सरहद से सटे बाड़मेर-जैसलमेर समेत अन्य जिलों में बीते दो माह से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का कार्य चल रहा है। एक वर्ष की समयावधि में डीपीआर का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद राज्य भर में 1491 किलोमीटर भारत माला सड़क निर्माण का काम शुरू होगा। इसमें से 275 किलोमीटर सड़क बाड़मेर-जैसलमेर जिलों में बनेगी। दस मीटर चौड़ी भारत माला सड़क के दोनों ओर पटरियां होंगी। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 25 नाम दिया गया है।
ऐसे बदलेगी बॉर्डर की सूरत
सीमावर्ती इलाके में गुजरात की ओर से बाड़मेर जिले के प्रवेश द्वार बाखासर क्षेत्र से भारत माला सड़क के तहत हाईवे शुरू होगा, जो गागरिया तक पहुंचेगा। गागरिया से मुनाबाव, मुनाबाव से सूंदरा, सूंदरा से जैसलमेर जिले के म्याजलार, धनाना, असुतार, घोटारू, तनोट, किशनगढ़ तक कुल 275 किलोमीटर हाईवे इन दो जिलों को कवर करेगा। जिले के दक्षिण-पश्चिमी प्रवेश द्वार बाखासर-सेड़वा क्षेत्र में सूखा बंदरगाह प्रस्तावित है। इसी क्षेत्र में नमक उद्योग की भी अपार संभावनाएं है।


वहीं भाभर-जैसलमेर रेल लाइन के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की स्वीकृति हो चुकी है। भविष्य में बाखासर क्षेत्र को इस रेललाइन से जोडऩे की भी संभावना है। ऐसे में दक्षिण-पश्चिमी प्रवेशद्वार बाखासर के रास्ते पूरे बॉर्डर एरिया में औद्योगिक समृद्धि की राह खुलने व समूचे सीमावर्ती क्षेत्र की फिजा बदलने की उम्मीद की जा रही है। वहीं सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन की दिशा में भारत माला को अहम माना जा रहा है। मुनाबाव को वाघा बॉर्डर की शक्ल मिल सकती है।


प्रथम चरण बाखासर से गागरिया
भारत माला सड़क निर्माण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट देश भर में एक साथ बन रही है। 365 दिन के भीतर डीपीआर रिपोर्ट आने के बाद अप्रेल 2017 में बाखासर से गागरिया तक प्रथम चरण के तहत भारत माला सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा। यह कार्य एक वर्ष के भीतर ही पूर्ण हो जाएगा। द्वितीय चरण में गागरिया से मुनाबाव तक, तृतीय चरण में मुनाबाव से सूंदरा होते हुए जैसलमेर के किशनगढ़ तक निर्माण कार्य होगा, जो वर्ष 2020 के अंत तक पूरा होने की संभावना है।


सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण
केन्द्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से देश के 17 राज्यों के तटीय व सीमा क्षेत्रों से 7 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा। इस राजमार्ग का सामरिक दृष्टि से बहुत अधिक महत्व है। राजस्थान बॉर्डर पर दुरुह धोरों में हाईवे बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा से सड़क के जरिए जुड़ाव बेहद आसान हो जाएगा। माना जा रहा है कि आपातकालीन परिस्थितियों में भारत माला सड़क देश के लिए लाइफ लाइन से कम नहीं होगी।

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