सुसाइड करने वाली छात्रा ने लिखा- बंद कर देनी चाहिए कोचिंग
कोटा. पिछले महीने पांचवी मंजिल से कूद कर सुसाइड करने वाली कोचिंग छात्रा कीर्ति त्रिपाठी के सुसाइड नोट की कुछ और बातें सामने आई हैं। सूत्रों के मुताबिक इसमें उसने लिखा है कि मैं जेईई-मेंस में कम नंबर होने के कारण जान नहीं दे रही हूं, मुझे तो इससे भी खराब रिजल्ट की आशंका थी। बल्कि मैं तो खुद से ही ऊब गई हूं इसलिए जान दे रही हूं।
'इंजीनियर बनाना मेरे डेस्टिनी में ही नहीं', यह लिखकर 5 वी मंजिल से कूद गई वो
गौरतलब है कि कीर्ति के जेईई-मेंस में 144 अंक आए थे, जो जनरल के कट ऑफ से 44 अंक अधिक थे। उसने 28 अप्रैल को पांच मंजिला इमारत से कूदकर जान दे दी थी। परिवार और मित्रों को संबोधित सुसाइड नोट में उसने अपने तनाव और दिक्कतों के बारे में लिखा है। इस नोट के मुताबिक वह अपने आस-पास के माहौल से तनाव में थी। इस नोट से यह भी पता चला कि वह 22 अप्रैल को भी जान देने की कोशिश कर चुकी थी, लेकिन तब उसकी सहेली ने उसे बचा लिया था।
कोचिंग पर गुस्सा
इस सुसाइड नोट के चौथे पर पेज पर कीर्ति ने लिखा है कि भारत सरकार और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को जल्द से जल्द कोचिंग संस्थानों को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि यहां बच्चों को तनाव मिल रहा है। उसने लिखा है कि मैंने कई लोगों को तनाव से बाहर आने में मदद की, लेकिन कितना हास्यास्पद है कि मैं खुद को इससे नहीं बचा पाई।
कीर्ति ने सुसाइड नोट में मां को संबोधित करते हुए लिखा है कि मैं साइंस नहीं पढऩा चाहती थी। मेरा इंट्रेस्ट तो एस्ट्रो फिजिक्स और क्वांटम फिजिक्स में था। मैं बीएससी करना चाहती थी। मैं आज भी इंगलिश और हिस्ट्री पढऩा-लिखना पसंद करती हूं। नोट में उसने अपनी छोटी बहन को उसकी पसंद का कैरियर चुनने की आजादी देने की नसीहत भी दी है।
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