शनिवार, 7 मई 2016

'चक्रव्युह-2Ó में भारतीय सेना ने दिखाया शौर्य

'चक्रव्युह-2Ó में भारतीय सेना ने दिखाया शौर्य
'चक्रव्युह-2Ó में भारतीय सेना ने दिखाया शौर्य

महाजन. महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के रेतीले धोरों में गत माह 45 डिग्री तापमान के बीच युद्धाभ्यास 'शत्रुजीत-2016Ó में शौर्य दिखाने वाली भारतीय सेना की स्ट्राइक कोर प्रथम के सैनिकों ने जैतपुर, पल्लू व सरदारशहर क्षेत्र के रेतीले धोरों में युद्धाभ्यास 'चक्रव्युह-2Ó में साहस का प्रदर्शन किया। तोपों की गर्जना व टैंकों के साथ वायुसेना के कारण अभ्यास से वास्तविक युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए है।

बीकानेर जिले के जैतपुर, साबणियां, ढाणी छिपलाई, चूरू के सरदारशहर व हनुमानगढ़ के रावतसर, पल्लू क्षेत्र के धोरों व नहर के किनारे 'स्ट्राइक कोर-प्रथमÓ ने सैन्य अभ्यास 'चक्रव्युह-2Ó शुरू किया है। 

महाजन. महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के रेतीले धोरों में गत माह 45 डिग्री तापमान के बीच युद्धाभ्यास 'शत्रुजीत-2016Ó में शौर्य दिखाने वाली भारतीय सेना की स्ट्राइक कोर प्रथम के सैनिकों ने जैतपुर, पल्लू व सरदारशहर क्षेत्र के रेतीले धोरों में युद्धाभ्यास 'चक्रव्युह-2Ó में साहस का प्रदर्शन किया। तोपों की गर्जना व टैंकों के साथ वायुसेना के कारण अभ्यास से वास्तविक युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए है।

बीकानेर जिले के जैतपुर, साबणियां, ढाणी छिपलाई, चूरू के सरदारशहर व हनुमानगढ़ के रावतसर, पल्लू क्षेत्र के धोरों व नहर के किनारे 'स्ट्राइक कोर-प्रथमÓ ने सैन्य अभ्यास 'चक्रव्युह-2Ó शुरू किया है।




सेना के रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि स्ट्राइक कोर इस समय यह फार्मेशन हनुमानगढ़, रावतसर और सरदारशहर में अपने ड्रील का अभ्यास कर रही है। इस युद्धाभ्यास का मुख्य उदेशय इस महत्वपूर्ण कोर व रेपिड डिविजन के साथ सम्बन्ध सभी अन्य विभागों की युद्धक तैयारियों व आक्रमण तैयारियों को परखना है। इस अभ्यास की परिकल्पना में सभी यांत्रिक उपकरण, मैकेनाइजड तथा नई पीढ़ी के हथियारों का इस्तेमाल और इन हथियारों का उन इलाकों में प्रभाव जहां शहरीकरण व उन्नति बढ़ रही है।




इसमें कैमवेट वाहन, लम्बी दूरी की आर्टिलरी तोप, वायु रक्षा, हथियार एवं सैनिक शामिल है। अभ्यास में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों, हैलिकॉप्टर, यूएवी, रिमोट पायलट चालित यान, एयरव्रोन व हैलिव्रोन भी शामिल है। इसमें सैनिकों को असली लड़ाई के माहौल जैसी स्थिति में नई तकनीक, सामरिक कुशलता और रणनीति का अभ्यास करने का मौका मिल रहा है। इस प्रकार के युद्धाभ्यास से नेटवर्क राडार, यूएवी और हवाई चौकसी प्लेटफार्म से नियमित सूचनाओं को प्रवाहित करने से युद्ध क्षेत्र में पारदर्शिता के कारण कमांडरों के सामने आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अपनी योजनाओं का मूल्यांकन करने और स्थिति के अनुसार उनमें संशोधन करने में सहायता मिलती है। इसमें सेना की टुकडिय़ों को अवरोधों को सीमित समय में हटाकर दुश्मन को नेस्तनाबूद करने का कौशल सिखाया जा रहा है।




सेना के आधुनिक हथियारों और प्रणालियों का उपयोग भी इसमें किया जा रहा है।

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