बुधवार, 13 अप्रैल 2016

पुलिस अफसरों के लिए 'सरदर्द' बने PAK कैदी

पुलिस अफसरों के लिए 'सरदर्द' बने PAK कैदी


सीमा पर तनाव या आतंकी घटना के समय प्रदेश के जेल अफसरों के सामने मुश्किल खड़ी हो जाती है। 20 हजार कैदियों के बीच बंद चुनिंदा पाकिस्तानी बंदियों की सुरक्षा को लेकर हर बार नए स्तर तय करने पड़ते हैं।




हाल ही में श्रीनगर में हुए बवाल के बाद भी अफसरों की यही स्थिति है। जयपुर सेंट्रल जेल में 2 हजार बंदियों के बीच 10 पाकिस्तानी कैदी सजा काट रहे हैं।

सुरक्षा के लिए सीसीटीवी

पाकिस्तानी बंदियों को सामान्य कैदियों से अलग रखा जाता है। उनके खाने पीने, नहाने-धोने की व्यवस्था अलग होती है। पाक बंदियों के स्वास्थ्य जांच को लेकर भी एक अलग ही तरह की व्यवस्था जेल प्रशासन ने कर रखी है।

कैदियों के बैरक में सीसीटीवी लगाए हुए और बैरक के बाहर एक सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहता है। जब भी कोई आतंकी घटना को अंजाम दिया जाता है तो इनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। एेसे में जेल में बंद कोई कैदी जब इन पर हमला कर दे, यह डर हमेशा जेल प्रशासन के मन में बना रहता है।

5 सज़ायाफ्ता- 5 अंडर ट्रायल

जयपुर सेंट्रल जेल में 10 पाकिस्तानी बंदी है। इनमें से पांच सज़ायाफ्ता है जबकि पांच अंडर ट्रायल। पाकिस्तान निवासी साजिद जयपुर सेंट्रल जेल में 7 साल से सजा काट रहा है। साजिद जयपुर जेल में जून 2009 से सजा काट रहा है। पाकिस्तनी बंदियों के सजा के दौरान काम को लेकर भी अलग व्यवस्था बनाई गई है।

''पाकिस्तानी बंदियों को सामान्य बंदियों से अलग रखा जाता है। जेल में वर्तमान में 10 पाकिस्तानी बंदी हैं। तनाव के माहौल में इन बंदियों की सुरक्षा बढ़ा दी जाती है।''

शंकरसिंह, पुलिस अधीक्षक, जयपुर सेंट्रल जेल

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