शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

जयपुर।सुसाइड नोट ने खोले चौंकाने वाले राज़, पुलिस को भी है GANGSTERS का खौफ !



जयपुर।सुसाइड नोट ने खोले चौंकाने वाले राज़, पुलिस को भी है GANGSTERS का खौफ !


पुलिस पर गैंगस्टरों का खौफ साफ नजर आ रहा है। एक तरफ जहां पुलिस प्रदेश के चर्चित आनंदपाल और राजू ठेहट गिरोह को लेकर हाथ पैर मार रही है। वहीं इन गैंगस्टरों की कारगुजारी की चपेट में आम आदमी भी आ गए हैं।

चौमूं थाना इलाके में राजू ठेहट गैंग से प्रताडि़त प्रहलाद नाम के एक व्यक्ति ने बीती रात फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

ये लिखा सुसाइड नोट में

चौमूं के अणतपुरा गांव निवासी प्रहलाद शर्मा ने बीती रात पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार सुबह जब पुलिस ने उसके कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया तो कई राज खुले।

प्रहलाद ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि पुलिस पूरी तरह से राजू ठेहट गैंग के खौफ में है। उसने लिखा कि पिछले साल विद्याधर नगर में हिम्मत सिंह की हत्या भी रोकी जा सकती थी।



प्रहलाद ने सुसाइड नोट में हरमाड़ा निवासी कालू सैनी उर्फ शंकर पर रुपयों के लेनदेन का आरोप लगाया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि कालू ने प्रहलाद से एक भूखंड को उसके नाम करने की एवज में साढ़े 7 लाख रुपए लिए थे।

लेकिन न तो भूखंड मिला और न ही रुपए वापस मिले। प्रहलाद ने आरोप लगाते हुए लिखा कि पुलिस और कालू की मिलीभगत है। क्योंकि कालू राजू ठेहट का आदमी है। इस कारण से मैं ही नहीं और भी लोग सुसाइड कर सकते हैं।

कई लोगों को जमीनों का लालच देकर राजू ठेहट की गैंग ने रुपए वसूले हैं। पुलिस भी उनका ही साथ देती है। प्रहलाद ने नोट में 'हरमाड़ा पुलिस मुर्दाबाद' भी लिखा है। उसने लिखा कि जनता पुलिस को सबक सिखाए।

नहीं होता हिम्मत हत्याकांड

प्रहलाद ने लिखा कि अगर हरमाड़ा पुलिस कालू सैनी को गिरफ्तार कर लेती तो पिछले साल मई में विद्याधर नगर में हुआ हिम्मत सिंह हत्याकांड भी नहीं होता।




गौरतलब है कि मई, 2015 में विद्याधर नगर में एक मल्टीप्लेक्स के बाहर अपनी एसयूवी गाड़ी में बैठे हिम्मत सिंह की सिर पर गोली मारकर दिन दहाड़े हत्या कर दी थी। तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस हत्यारों को नहीं पकड़ पाई थी।

''सुसाइड नोट में पुलिस पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। सुसाइड नोट में कालू पर राजू ठेहट गैंग का सदस्य होना बताया है। मामले में आरोपी के खिलाफ दर्ज परिवादों का रिकॉर्ड निकलवाया जा रहा है। पिछले दो साल में आरोपी के खिलाफ एक भी परिवाद दर्ज नहीं है। आरोपी को पकड़ लिया गया है।'' राहुल जैन, डीसीपी पश्चिम, जयपुर शहर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें