बाड़मेर। शराब पीना ही बंद कर दो, अपने आप बंद हो जाएगी: राजस्व राज्य मंत्री
बाड़मेर।साहब म्हारो धणी मौत रे मुण्डे ऊं बाहर आयो है, थे इण दारू ने बंद करा दो। यह पीड़ा राजकीय चिकित्सालय में जहरीली शराब के सेवन के बाद मंगलवार से भर्ती बिशाला आगोर निवासी खमीश नाथ की पत्नी दरिया ने गुरुवार को राजस्व राज्यमंत्री अमराराम चौधरी के समक्ष जाहिर की तो मंत्री ने उल्टे उनसे यह कह दिया कि आप पीना बंद करवा दो तो शराब स्वत: ही बंद हो जाएगी।
राज्य सरकार की तरफ से शराब दुखांतिका के चौथे दिन गुरुवार को पहली बार कोई मंत्री पीडि़त मरीजों और उनके परिजनों से मिलने पहुंचा, लेकिन संवेदनहीनता का आलम यह था कि मंत्री चौधरी ने भी शराब पीने वालों को ही इसका दोषी बता दिया। उधर, पुलिस और आबकारी अब तक जहरीली शराब के बारे में कोई खास कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।
खामियां बताई तो मंत्री हो गए रवाना
मंत्री ने मेल मेडिकल वार्ड में भर्ती बाड़मेर निवासी किशनसिंह से आंखों की रोशनी के साथ स्वास्थ्य के हाल पूछे तो उसके परिजनों ने बताया कि तबीयत में सुधार हो रहा है, लेकिन उन्हें कुछ दवाइयां बाहर बाजार से खरीदनी पड़ रही है। यह सुनकर मंत्री व चिकित्सालय के प्रभारी वहां से अगले पीडि़त के बेड की ओर रवाना हो गए। दरअसल, इन्हें पेट के लिए एंटासीड व आंखों की दवा बाहर से लानी पड़ रही है।
बाड़मेर।साहब म्हारो धणी मौत रे मुण्डे ऊं बाहर आयो है, थे इण दारू ने बंद करा दो। यह पीड़ा राजकीय चिकित्सालय में जहरीली शराब के सेवन के बाद मंगलवार से भर्ती बिशाला आगोर निवासी खमीश नाथ की पत्नी दरिया ने गुरुवार को राजस्व राज्यमंत्री अमराराम चौधरी के समक्ष जाहिर की तो मंत्री ने उल्टे उनसे यह कह दिया कि आप पीना बंद करवा दो तो शराब स्वत: ही बंद हो जाएगी।
राज्य सरकार की तरफ से शराब दुखांतिका के चौथे दिन गुरुवार को पहली बार कोई मंत्री पीडि़त मरीजों और उनके परिजनों से मिलने पहुंचा, लेकिन संवेदनहीनता का आलम यह था कि मंत्री चौधरी ने भी शराब पीने वालों को ही इसका दोषी बता दिया। उधर, पुलिस और आबकारी अब तक जहरीली शराब के बारे में कोई खास कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।
खामियां बताई तो मंत्री हो गए रवाना
मंत्री ने मेल मेडिकल वार्ड में भर्ती बाड़मेर निवासी किशनसिंह से आंखों की रोशनी के साथ स्वास्थ्य के हाल पूछे तो उसके परिजनों ने बताया कि तबीयत में सुधार हो रहा है, लेकिन उन्हें कुछ दवाइयां बाहर बाजार से खरीदनी पड़ रही है। यह सुनकर मंत्री व चिकित्सालय के प्रभारी वहां से अगले पीडि़त के बेड की ओर रवाना हो गए। दरअसल, इन्हें पेट के लिए एंटासीड व आंखों की दवा बाहर से लानी पड़ रही है।
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