जैसलमेर केन्द्रीय अध्ययन दल की टीम ने लोहारकी एवं छायण में हुई ओलावृष्टि नुकसान का लिया जायजा
देखे खेत, ग्रामीणों से नुकसान की ली जानकारी, जैसलमेर विधायक भाटी, प्रभारी सचिव सुबीर कुमार, जिला कलेक्टर शर्मा भी थे साथ में।
जैसलमेर 29 अप्रैल। केन्द्रीय अध्ययन दल की टीम के प्रभारी उतमकुमार निदेशक राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास परियोजना ग्रामीण विकास मंत्रालय दिल्ली, एस. सी. मीणा संयुक्त निदेशक वित विभाग, डाॅ. रामानंद सीनियर रिसर्च आॅफिसर नीति आयोग दिल्ली ने शुक्रवार को पोकरण क्षेत्र का दौरा कर ग्राम पंचायत लोहारकी व छायण में माह मार्च 2016 में हुई ओलावृष्टि के नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, नवनियुक्त जिला प्रभारी एवं शासन सचिव जन स्वास्थ्य अभियंात्रिकी सुबीर कुमार, जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष एडवोकेट जुगलकिशोर व्यास भी साथ में थे।
केन्द्रीय अध्ययन दल ने ग्राम पंचायत लोहारकी एवं छायण में अटल सेवा केन्द्र ग्रामीणों से ओलावृष्टि से हुए नुकसान की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने रबी फसल में जीरा, इसबगोल एवं सरसों में ओलावृष्टि से कितना प्रतिशत फसल खराब हुआ है इसकी भी पूरी जानकारी ली। इस दौरान लोहारकी में सरपंच रामलाल विश्नोई, पूर्व सरपंच जसवंतसिंह, समाजसेवी थिरपालसिंह, समन्दरसिंह तथा छायण में देवीसिंह, प्रयागाराम, रावलचंद के साथ ही अन्य ग्रामीणों ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बारें में केन्द्रीय अध्ययन दल को बताया कि उनकी फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई है जिसमें जीरा एवं इसबगोल में भारी नुकसान किसानों को हुआ है। उन्होंने अपने नुकसान की दिल के दुख दर्द सुनाएं एवं बताया कि जहां जिस किसान की जमीन भी उसको तो नुकसान तो हुआ है लेकिन अन्य जिलों से नलकूपों पर काम करने आए किसानों को फसल नहीं मिलने से भारी दुख हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी तक उन्हें सहायता नहीं मिली है। उन्होंने केन्द्रीय अध्ययन दल से केन्द्र सरकार के माध्यम से फसल खराबे की अधिकतम भरपाई की सहायता राशि दिलाने की मांग की।
केन्द्रीय अध्ययन दल के अधिकारियों फसल खराबे के बाद पशुधन के चारे की स्थिति के साथ ही पेयजल के संबंध में भी ग्रामीणों से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि फसल नुकसान से पशुपालकों के लिए भी चारे का संकट आया है। केन्द्र सरकार से पशु पालकों को चारे के लिए अनुदान देने की भी मांग की। केन्द्रीय अध्ययन दल ने लोहारकी में अजीजखां पुत्र रमजानखां के खेत पर मौके पर जाकर जीरे एवं इसब गोल की फसल में हुए नुकसान का जायजा लिया एवं यहां पर किसान अजीजखां ने फसल खराबे की पीडा बयां की एवं बताया कि उसकी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है।
जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी एवं भाजपा जिलाध्यक्ष जुगलकिशोर व्यास ने केन्द्रीय अध्ययन दल को बताया कि लोहारकी, छायण के साथ ही कई गांवों में ओलावृष्टि से फसल का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने केन्द्र सरकार से शीघ्र ही फसल खराबें की सहायता राशि दिलाने की आश्वयकता जताई। उन्होंने बताया कि जैसलमेर एवं बाड़मेर जिले के लिए निर्धारित मापदंड में भी छूट मिलनी चाहिए लेकिन वर्तमान में यह छूट नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि यहां पर पूर्वी एवं पश्चिमी राजस्थान में दस हाॅसपाॅवर के हिसाब से छूट देती है लेकिन यहां गहराई पानी होने एवं अधिक मात्रा में जमीन होने के कारण फसल का मुआवजा बहुत कम मिलता है इसलिए इस जिले के लिए तीस हाॅसपाॅवर बिजली कनेक्शन के हिसाब से छूट दिलाने एवं जितनी फसल का खराब हुआ है उस अनुपात में सहायता दिलाने में की सलाह दी।
जैसलमेर विधायक भाटी ने प्रभारी सचिव सुबीर कुमार से कहा कि वे वहां की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इस भीषण गर्मी में मानव एवं पशुधन के पीने के लिए पानी के लिए पर्याप्त मात्रा में टेंकरों से पेयजल परिवहन की स्वीकृति प्रदान करावें साथ ही जहां लंबी पाइप लाइनें है एवं यदि उन गांवों में पानी की उपलब्धता है वहां पर नलकूप खोदकर चालू करवाने, कर्मचारियों की नियुक्ति करवाने, श्रमिकों की संख्या में बढोतरी करवाने की बात कही।
पर्याप्त मात्रा में टेंकरों करें पेयजल परिवहन
नवनियुक्त प्रभारी सचिव सुबीर ने जनप्रतिधियों को बताया कि इस भीषण गर्मी में राज्य सरकार ने मानव व पशुधन पीने के पानी पर्याप्त मात्रा में मिले इसके लिए पुख्ता प्रबंध कर दिए है। उन्होंने बताया कि पेयजल परिवहन के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि वे तत्काल पर्याप्त मात्रा में टेंकरों से पेयजल परिवहन कर लोगों को समय पर पीने के पानी उपलब्ध करवावें। उन्होंने यह भी हिदायत दी गई पानी आपूर्ति व्यवस्था में किसी प्रकार की कोताई नहीं बरतें। उन्होंने जिला कलेक्टर शर्मा को कहा कि वे टेंकरों के ट्रिपिंग परिवहन व्यवस्था की प्रभावी माॅनेटरिंग करावें एवं किसी प्रकार पेयजल परिवहन में दुरूपयोग नहीं हो।
प्रभारी सचिव ने जिला कलेक्टर को अकाल की स्थिति में पशुधन संरक्षण के लिए तत्काल ही चारा डिपो संचालन करने के साथ ही गौशाला स्वीकृति के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवावें ताकि वहां से स्वीकृति प्रदान की जा सके। उन्होंने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों को पीने को पानी उपलब्ध करना है। उन्होंने बताया कि पशुधन संरक्षण के भी सरकार पुख्ता प्रबंध कर रही है।
जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने केन्द्रीय अध्ययन दल को जिले में हुए ओलावृष्टि नुकसान के बारें में विस्तार से जानकारी प्रदान की एवं उन्हें विस्तृत रिपोर्ट पेश की। उन्होंने अकाल की स्थिति में पेयजल परिवहन एवं पशुधन संरक्षण के लिए चारे पानी की व्यवस्था के बारे में भी विस्तार से रिपोर्ट पेश की। इस दौरान समाजसेवी उम्मेदसिंह, उपखंड अधिकारी नरेन्द्रपालसिंह शेखावत, विकास अधिकारी टीकमाराम चैधरी, तहसीलदार सुरेन्द्रसिंह जाखड, उप अधीक्षक पुलिस नानकसिंह के साथ ही कई अधिकारी साथ में थे।
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