अजमेर बाप ने अपनी बेटी के साथ किया था दुष्कर्म, अब खुद के साथ हुआ एेसा
13 वर्षीय पुत्री से दुराचार के अभियुक्त पिता अर्जुनपुरा निवासी ओम प्रकाश रैगर को पॉक्सो मामलात की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार जैन ने उम्रकैद व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि पीडि़ता को बतौर मुआवजा दिलाने तथा पीडि़त प्रतिकर कानून के तहत भी मुआवजे का अधिकारी माना। प्रकरण का निपटारा मात्र साढ़े आठ माह में किया गया।
प्रकरण के तथ्य
मांगलियावास थाने में पीडि़ता की माता ने 11 जुलाई 2015 को रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में बताया गया कि उसकी 13 वर्षीय बालिका कक्षा छह में अध्ययनरत है 10 जुलाई को उसकी पुत्री अपने पिता ओमप्रकाश के साथ पानी भरने के लिए गई एक घंटे बाद वह रोते हुए लौटी, पूछने पर उसने बताया कि उसका सिर दुख रहा है इस बीच उसका आदमी शराब पीये घर आया, मेरी पुत्री का पायजामा उल्टा पहने हुआ देख पूछा तो उसकी लड़की ने बताया कि मेरे पापा ने जबरन गलत काम किया है। इस रिपोर्ट के आधार पर आरोपित के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा 3/4 तथा भादस की धारा 376 के तहत दर्ज कर अनुसंधान किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से पीडि़ता व उसकी माता सहित 16 गवाह पेश किए गए। विशेष लोक अभियोजक अजय वर्मा तथा परिवादिया के वकील सत्यप्रकाश कुरडि़या अभियोजन के समर्थन में दस्तावेज पेश किए। अदालत ने आरोपित को उम्रकैद की सजा व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने पीडि़त प्रतिकर स्कीम के तहत भी पीडि़ता को मुआवजा दिलाने की अनुशंसा की।
मामले का निस्तारण साढ़े आठ माह में किया गया
प्रकरण दर्ज होने के बाद अनुसंधान त्वरित गति से किया गया व गवाहों के बयान त्वरित किया गया। अदालत ने पोक्सो कानून के तहत दर्ज मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकरण का निस्तारण साढ़े आठ माह में कर दिया।
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