झालावाड़ मुख्यमंत्राी की पहल मंे नन्हीं रानी की जिंदगी मंे उजाला भरा
सफलता की कहानी
मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे ने 28 मार्च 2016 को झालावाड़ जिले की यात्रा के दौरान जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी को पूरे जिले मंे विशेष योग्यजन का सर्वे करवाकर उनकी सूची तैयार करने के निर्देश दिये थे ताकि उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार सहायता उपकरण उपलब्ध कराये जा सकें। इसके बाद जिला कलक्टर ने अप्रेल माह मंे पूरे जिले मंे पंचायत समितिवार विशेष योग्यजन पहचान शिविरों का आयोजन करवाया तथा विभिन्न अंग बाधित विशेष योग्यजनों का डाटा तैयार करवाय गया। भवानीमण्डी मंे आयोजित शिविर मंे रानी नाम की आठ साल की बालिका को उसके माता-पिता विकलांगता प्रमाण-पत्रा जारी करवाने के लिये लाये। इसे दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता था। जब चिकित्सकों ने इस बालिका की आंखों की जांच की तो वे दंग रह गये रानी की दोनों आंखों मंे केट्रेक्ट (मोतियाबिंद) था। डाक्टरों ने रानी के माता-पिता को बताया कि इस बच्ची की आंखों का आॅपरेशन करके इसकी रोशनी वापस लाई जा सकती है। रानी के माता-पिता ने डाक्टरों को बताया कि वे इसे प्राईवेट हाॅस्पिटल मंे दिखा चुके हैं जहां उन्होंने एक आंख के आॅपरेशन पर लगभग 50 हजार रुपये का खर्चा बताया है। इस पर बच्ची को झालावाड़ स्थित मेडिकल काॅलेज हास्पिटल मंे लाया गया जहां डाक्टर रविन्द्र मीणा ने रानी की एक आंख का आॅपरेशन किया। आॅपरेशन के बाद इस आंख की 100 प्रतिशत रोशनी वापस आ गई है। झालावाड़ मेडिकल काॅलेज के डीन डाॅ. आर.के. आसेरी ने बताया कि दूसरी आंख का आॅपरेशन एक महिने बाद किया जायेगा। इस प्रकार मुख्यमंत्राी द्वारा आरम्भ की गई पहल पर रानी की जिंदगी मंे उजाला फिर से लौट आया है।
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