शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

बाड़मेर। बाड़मेर पहुंची पूजा छाबड़ा,जहरीली शराब के सेवन से बीमार हुऐ मरीजों से जानी कुशलक्षेप,बिहार की तरह राजस्थान में भी शराबबंदी हो - पूजा छाबड़ा

बाड़मेर। बाड़मेर पहुंची पूजा छाबड़ा,जहरीली शराब के सेवन से बीमार हुऐ मरीजों से जानी कुशलक्षेप,बिहार की तरह राजस्थान में भी शराबबंदी हो  - पूजा छाबड़ा




रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 


बाड़मेर। राजस्थान में शराब बंदी के लिए आमरण अनशन करते हुए प्राण देने वाले पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की पुत्र वधु पूजा छबड़ा ने गुरुवार को बाड़मेर पहुंचकर राजकीय चिकित्सालय में जहरीली शराब के सेवन से भर्ती हुए मरीजों से कुशलक्षेप जानी। शराब पीने से हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिली और दुख की इस घड़ी में ढाढस बंधाया।





पूजा छबड़ा ने कहा कि हाल ही बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की गई है. यह उचित होगा कि राजस्थान सरकार भी भावी युवा पीढी को शराब की लत से बचाने के लिए कम से कम चरणबद्ध रूप में इस ओर कदम बढाए. राजस्थान सरकार को जनता के हित के लिए शराब बिक्री प्रदेश में बंद करनी चाहिए। शराब आने वाली पीढ़ी को बर्बाद कर रही है और सरकार का ध्यान सिर्फ राजस्व जुटाने पर है। 



पूजा छाबड़ा कहा कि गरीब परिवारों का क्या कसूर है? 17 मौतों के लिए सरकार जिम्मेदार है। इसके लिए सरकार मृतक के परिवारों को मुआवजा व नौकरी दे, क्योंकि सरकार की कमजोरी के कारण राजस्थान में ऐसे हादसे हो रहे हैं। सरकार को जनता से कोई लेना-देना नहीं है। उसे तो सिर्फ अपने राजस्व से मतलब है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर संघर्षरत रहे दिवंगत गुरुचरण छाबड़ा ने भी राजस्थान में शराब बंद करवाने को लेकर कई बार भूख हड़ताले की, लेकिन सरकार ने उनकी एक भी नहीं सुनी। इसी संघर्ष में उन्होंने प्राण त्याग दिए। हम जनता को जागरूक कर प्रदेश में शराबबंदी के लिए जागृति अभियान चला रहे हैं। जो पार्टी शराब बंद करेगी, अगली सरकार उसी की बनेगी।है। उन्होंने कहा कि हम संगठन बना कर महिलाओं को आगे लाकर शराब को बंद करवाने के लिए प्रेरित करेंगे।

ससुर की आखिरी ख्वाहिश ही जीवन का अंतिम लक्ष्य

गांधीवादी नेता एवं पूर्व विधायक स्व. गुरुशरण छाबड़ा की पुत्रवधु पूजा छाबड़ा का कहना है कि मेरे जीवन का अंतिम लक्ष्म अपने ससुर की आखिरी ख्वाहिश को पूरा करने करना है । और राजस्थान को शराब मुक्त बनाने के लिए संघर्ष करती रहूंगी। राज्य में पूर्ण शराब बंदी के लिए जीवन के अंतिम समय तक संघर्ष करने वाले गुरुशरण छाबड़ा के निधन के बाद उनकी बहू पूजा छाबड़ा ने आंदोलन का मोर्चा संभाला है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें