बाड़मेर में शराब दुखान्तिका के बावजूद बढ़ी शराब की बिक्री
धर्म सिंह भाटी @ बाड़मेर.
जीना छोड़ सकते हैं, पीना नहीं...लगता है कि मदिरापान करने वालों ने इसे अपना ध्येय वाक्य बना दिया है। जिले में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद पुलिस व प्रशासन ने एक ही अपील की कि शराब नहीं पिएं, जिसके चलते उम्मीद की जा रही था कि शराब की बिक्री में भारी गिरावट आएगी लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस अपील के विपरीत जिले में शराब की जोरदार बिक्री हुई है। आबकारी के गोदाम से मार्च माह में प्रतिदिन हुए अंग्रेजी शराब के उठाव की तुलना में अप्रैल माह में प्रतिदन करीब 25 फीसदी अधिक उठाव हो रहा है। वहीं देसी शराब के उठाव में दस फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
पीना नहीं छोड़ा, सरकार को फायदा
जहरीली शराब से हुई मौतों का शराब पीने वाला पर कोई असर नहीं हुआ। सुरा के शौकीनों ने अवैध शराब से मुंह मोड़कर सरकारी शराब की ओर रुख कर दिया। सरकारी दुकानों से शराब खरीदकर पीने वाले वैसे ही पीते रहे, जैसे वे पहले पीते रहे हैं। सरकारी दुकानों पर नए ग्राहक के रूप में 25 फीसदी वे पीने वाले जुड़ गए, जो शराब दुखान्तिका से पहले अवैध शराब पी रहे थे। कुल मिलाकर पीने वालों ने शराब नहीं छोड़ी, जिसका फायदा सरकार को मिल रहा है।
भूमिगत हो गया अवैध कारोबार
जहरीली शराब दुखान्तिका के बाद पुलिस व आबकारी महकमे अवैध शराब का धंधा करने वालों के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि 50 से अधिक अवैधिए अब तक पकड़े जा चुके हैं। जो भी अवैधिया हत्थे चढ़ रहा है, वह सलाखों के पीछे पहुंच रहा है। ऐसे में अवैध शराब का कारोबार करने वाले पूरी तरह से भूमिगत हो गए हैं। उनके साथ अवैध शराब का कारोबार भी फिलहाल भूमिगत हो गया है। जिसका फायदा फिलहाल सरकारी खजाने को मिल रहा है।
जो केबिन बंद, वह अवैध
बाड़मेर व बालोतरा शहर के चौराहों, गलियों के नुक्कड़ों व जिले के विभिन्न कस्बों के भीड़ भाड़ स्थलों व कोनों में इन दिनों सैकड़ों की संख्या में केबिन बंद पड़े हैं। शराब दुखान्तिका के बाद ये केबिन खुले ही नहीं है। पुलिस व आबकारी महकमे ने बंद केबिनों को अपनी निगरानी में ले लिया है। यही माना जा रहा है कि इन केबिनों पर अवैध शराब की बिक्री होती थी, लेकिन फिलहाल अवैधिए भूमिगत होने से ये केबिन बंद है। पुलिस व आबकारी ने इनकी जानकारी जुटा ली है और इन्हें भविष्य की कार्ययोजना में शामिल कर लिया है।
25 फीसदी ज्यादा उठाव
इन दिनों में अंग्रेजी शराब का उठाव 25 फीसदी ज्यादा हो गया है। वहीं देसी शराब की बिक्री में दस फीसदी की वृद्धि हुई है। अवैध शराब पर अंकुश लगने के चलते यह स्थिति आई है। अवैध शराब के खिलाफ पुलिस व आबकारी निरंतर सक्रिय है।
-मोहनलाल पूनिया, जिला आबकारी अधिकारी बाड़मेर
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