शनिवार, 16 अप्रैल 2016

जयपुर .शादी की खुशी में इस कदर नाची दुल्हन.... कि आ गई मौत



जयपुर .शादी की खुशी में इस कदर नाची दुल्हन.... कि आ गई मौत


शादी कर अच्छा पति और खुशहाल घर-परिवार पाना एक लड़की के जीवन की सबसे बड़ी चाह होती है। दूसरी लड़कियों की तरह हरसोली गांव की 21 वर्षीया अनोप भी उस दिन बेहद खुश थी, क्योंकि अगले ही दिन रामनवमी को उसकी उम्मीदों को पंख लगने वाले थे...आखिर उसकी शादी जो थी। अपनी इसी खुशी को वह नाच-नाच कर दूसरों के साथ बांट रही थी, लेकिन उसे नहीं पता था कि अपनी खुशी की इजहार उसके लिए भारी पड़ जाएगा। गुरुवार रात डीजे पर पांच घंटे नाचने के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे रेनवाल के सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ और अगले दिन बारात पहुंचने से एक घंटे पहले ही उसने संसार को अलविदा कह दिया।

एक साथ होनी थी तीन बहनों की शादी

हरसोली गांव के मीणा मोहल्ला निवासी बाबूलाल मीणा की तीन पुत्रियों पिंकी, अनोप व अनीता मीणा की शादी रामनवमी को होनी थी। दो बारात धानोता से और एक अचरोल से आनी थी। मृतका के ताऊ बालूराम मीणा ने बताया कि गुरुवार रात महिला संगीत के दौरान अनोप कई घंटे नाची, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे रेनवाल सामुदायिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार शाम लगभग 3 बजे उसकी मौत हो गई। उधर, शाम लगभग 4 बजे तीनों बारात हरसोली पहुंच गई। आंसुओं से भरे माहौल के बीच विवाह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

जानी थी डोली, उठी अर्थी

अनोप की मौत के बाद गांव में खुशी का माहौल गम में बदल गया और जिसने भी यह समाचार सुना गमगीन हो उठा। समाचार सुन बारातियों का नाचना-गाना भी रुक गया। आनन-फानन में शुक्रवार शाम उसका अंतिम संस्कार किया गया।

जाते-जाते ममेरी बहन का घर बसा गई

बालूराम ने बताया कि अनोप के निधन से उनके सामने बारात को खाली नहीं लौटने देने की परम्परा चुनौती बनकर खड़ी हो गई। ऐसे में समाज और परिवार में चर्चा कर अनोप की जगह उसकी ममेरी बहन सिनोदिया निवासी नानची पुत्री मोहन लाल के साथ धानोता निवासी पवन मीणा के फेरे दिलवाए गए। साथ ही पिंकी ने धानोता निवासी महेश व अनीता ने अचरोल निवासी रामजीलाल के साथ फेरे लिए।

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