बुधवार, 13 अप्रैल 2016

चित्तौडग़ढ़| जहां टूटते है रिश्ते वही से हुई नए सफर की शुरुआत

चित्तौडग़ढ़| जहां टूटते है रिश्ते वही से हुई नए सफर की शुरुआत


चित्तौडग़ढ़| 16 साल पहले पंडित ने दो लोगों को दाम्पत्य सूत्र में बांधते हुए गृहस्थी की गाड़ी के साथ दौड़ाने की सीख दी थी| वह भले ही कुछ वजह से बीच रास्ते छूट गई, लेकिन पारिवारिक अदालत ने फिर दोनों को हमराही बना दिया।

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चित्तौडग़ढ़ में पारिवारिक न्यायालय ने 14 साल से तलाक का केस लड़ रहे पति-पत्नी को फिर से एक कर परिवार टूटने से बचा लिया। चित्तौडग़ढ़ निवासी सीमा का 16 वर्ष पूर्व बूंदी के आनंदसिंह से विवाह हुआ। एक-दो वर्ष बाद ही दोनों में अनबन हो गई। बात इतनी बढ़ी कि आए दिन झगड़ा होने लगा और दोनों अलग हो गए। सीमा ने कोर्ट में विवाह विच्छेद की अर्जी लगा दी। दोनों पेशी पर आते रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की और से शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में 19 पारिवारिक मामलों का निस्तारण किया गया। सभी प्रकरण आपसी समझौते से निपट गए। वहीं सीमा-आनंद में सुलह हो गई।



दम्पति के बीच बड़ा विवाद नहीं था, अहम के कारण ही विवाद हुआ था। इगो खत्म होते ही दोनों फिर साथ रहने को राजी हो गए। संदेश यह है कि सुखी रहना है, अहम छोड़ दें। पारिवारिक अदालत के न्यायाधीश हुकमसिंह राजपुरोहित ने दोनों से समस्याएं पूछी। बिठाकर वार्ता की। समझाया भी। पति-पत्नी में गलतफहमी दूर हो गई और साथ रहने को राजी हो गए। सुलह के बाद कोर्ट स्टाफ ने तुरंत मालाएं मंगवाई। सीमा व आनंद ने एक-दूसरे को माला पहनाई। साथ ही एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया। कोर्ट स्टाफ ने दम्पति को शुभकामनाएं दी। फैसला न्यायाधीश हुकमसिंह, सदस्य बसंतीलाल पोखरना व ओमप्रकाश औदिच्य ने सुनाया। लोक अदालत में प्रभारी के रूप में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश अनूप कुमार पाठक मौजूद थे।

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