बाड़मेर जिले के मैली गांव में एक अनोखी शादी हुई।
सुनील दवे। समदड़ी से
यहां लोगों के अचरज का ठिकाना नहीं रहा जब उन्होंने बैल गाड़ी, घोड़ा गाड़ी, ऊट गाड़ी पर बारात आती हुई देखी । दर असल लालाना गांव के रहने वाले बाबूसिंह उर्फ़ दिनेशपालसिंह की बारात नजदीक के गांव मेली में शुक्रवार को शाम 6:15 पर पहुंची । इस बारात में डी जे और बैंडबाजों की जगह राजपूती पारंपरिक वेशभूषा से सजी धजी बाराती नजर आए l
> खास बात यह थी कि दूल्हे की घोड़ा गाड़ी सबसे आगे थी जिसे विशेष तौर पर फूल मालाओं से सजाया गया था। वही पीछे अन्य बैलगाड़ी घोड़ागाड़ी, ऊटगाडी पर सवार थे । दुल्हा दिनेशपाल सिंह ने बताया कि वह अपने समाज की पुरानी परंपराओं को जीवित रखना चाहते हैं ।ऊंट गाड़ी, घोड़ा गाड़ी, बैलगाड़ी पर बारात लेकर उनके ससुराल मेली गाँव में बारातियो के साथ सह परिवार सहित पहुची बारात का यह नजारा देखकर गांव लोग अचभित रह गए।
> यह पहला मौका था जब इस प्रकार की कोई शाही अंदाज में सजी धजी बारात पहली बार गांव में आई।
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> दूल्हे दिनेश पाल सिंह ने अपने समाज को फिजूलखर्ची से रोकने और परंपराओं को निभाने का संदेश देना चाहते है और शाही बारात और उससें जुड़ी संस्कृति बची रहे इसी सोच के साथ उन्होंने इस प्रकार की पुरानी परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल की हैं।
> यह राजपूत परिवार ठिकाणा रामसर अमरकोट पाकिस्तान हाल लालाना हैं जो राणा सा हमीरसिंह सोढ़ा ठिकाणा अमरकोट पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं।
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> इस गांव की शाही शादी में ,हुकुमसिंह ठि कुशिप, रामसिंह सोढ़ा ठि बिठूजा, रावल सा. विक्रम सिंह सिणधरी, ठाकुर नरेंद्रकरण किटनोद ,ठाकुर चैनसिंग होटलु, ठाकुर दलपत सिंह भाटी ताणु, ठाकुर देवेंद्रकरन ठिकाना कानाना, ठाकुर भूरसिंह जी मुंगड़ा सहित बाराती मौजूद थे।
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