झालावाड़ खुश हैं वे हैण्डपम्प मिस्त्राी बनकर! 228 ग्रामीण महिलाओं की स्थाई आय का जरिया बना
झालावाड़ 13 अप्रेल। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत पूरे राज्य में अभिनव प्रयोग करते हुए झालावाड़ जिले में 228 महिलाओं को हैण्डपम्प मिस्त्राी के कार्य की ट्रेनिंग दी गई है जिससे इन महिलाओं की आय का स्थाई जरिया बन गया है।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की पहल पर जलदाय विभाग द्वारा जिले के सात ब्लॉक में 200 ग्रामीण महिलाओं को तथा जिला स्तर पर 28 महिलाओं को हैण्ड पम्म मिस्त्राी के कार्य का प्रशिक्षण दिया गया है। बकानी ब्लॉक में भी लगभग 30 महिलाओं को आने वाले दिनों में प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा। जिला मुख्यालय की ट्रेनिंग आज सम्पन्न हुई। इस प्रशिक्षण के बाद हैण्डपम्प मिस्त्राी बनीं ये महिलाएं अत्यंत प्रसन्न नजर आईं। प्रशिक्षण के उपरांत इन महिलाओं को पंचायती राज एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रमाण पत्रा भी जाी किया गया है।
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन महिलाओं ने बताया कि उनके गांव में आये दिन हैण्ड पम्प खराब हो जाता है जिसे ठीक करने के लिये मिस्त्राी नहीं मिलता तथा अधिक दिन तक हैण्ड पम्प बंद रहने से कई बार हैण्ड पम्प हमेशा के लिये सूख जाता है। अब चूंकि वे खुद इस काम को सीख गई हैं तो वे अपने गांव में किसी भी हैण्ड पम्प को खराब नहीं रहने दंेगी। हैण्ड पम्प की रिपेयरिंग के लिये उन्हें ग्राम पंचायत से निर्धारित शुल्क मिलेगा जिससे उनकी आमदनी का जरिया भी बन जायेगा।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि यह एक अभिनव प्रयोग है जिसे मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत क्षमता संवर्द्धन के रूप में आरम्भ किया गया है। इससे गांवों में जल स्वावलम्बन अभियान को मजबूती मिलेगी तथा जब दूसरी महिलाएं इन महिलाओं को काम करते हुए देखेंगी तो इनसे प्रेरणा लेकर वे भी नये तरह के काम सीखने के लिये आगे आयेंगी। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएं काम कर रही थीं किंतु हैण्डपम्प मिस्त्राी के क्षेत्रा में महिलाओं का यह पहला कदम है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामपाल शर्मा ने बताया कि जिले में चल रहे महिला स्वयं सहायता समूहों में से इन महिलाओं का चयन किया गया तथा इन्हें हैण्ड पम्प रिपेयरिंग का एक-एक दिन का सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार जैन, अधिशासी अभियंता दीपक झा, भूजल वैज्ञानिक विक्रम टांक तथा जिला मानव संसाधन सलाहकार राजेन्द्र शर्मा एवं तकनीकी कर्मचारियों ने महिलाओं को हैण्ड पम्प ठीक करने के तरीके सिखाये। ब्लॉक स्तर पर हुई ट्रेनिंग का आयोजन पंचायत समितियों के माध्यम से तथा जिला स्तरीय ट्रेनिंग का आयोजन जिला परिषद के माध्यम से करवाया गया। ये महिलाएं गांवों में स्वच्छता कार्यक्रम में भी सहयोग करेंगी।
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