गुरुवार, 3 मार्च 2016

स्मार्ट सिटी मिशन में चयनित शहरों का विकास हो एवं योजना में अन्य शहरों को शामिल किया जायें



स्मार्ट सिटी मिशन में चयनित शहरों का विकास हो एवं योजना में अन्य शहरों को शामिल किया जायें
नईदिल्ली, 03 मार्च 2016 गुरूवार।

जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने लोकसभा में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश में चयनित शहरों के विकास एवं अन्य शहरों को योजना में शामिल करने का मुद्दा उठाया।

सांसद देवजी पटेल ने शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो से सवाल करते हुए कहा कि देश में स्मार्ट सिटीज के रूप में विकसित किए जाने वाले चयनित शहरों के चयन हेतु क्या मानदंड अपनाए गए हैं एवं चयनित शहरों के विकास हेतु केंद्र, राज्य सरकार और शहरी एजेंसियों की धनराशि की हिस्सेदारी का अनुपात क्या हैं। शहरों में किस प्रकार के विकास करवाये जाते हैं तथा जिससे आम लोगों को क्या फायदा मिलता हैं एवं विकास कार्यो में नगरपालिका एवं नगर निगम की क्या भूमिका रहती हैं। चयनित शहरों के विकास हेतु कौन-कौनसे देशों से सहायता ली जाएगी तथा अन्य शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल करने हेतु सरकार द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं।

सांसद पटेल के सवाल का जबाब देते हुए शहरी विकास राज्य मंत्री सुप्रियो ने बताया कि स्मार्ट सिटीज के रूप में विकसित किये जाने वाले देश के 20 शहरों को चयनित किया गया हैं। चयन हेतु शहर स्तरीय मापदंड, क्षेत्र आधारित विकास और पेन सिटी समाधान आदि हैं। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटीज मिशन एक केंद्र प्रायोजित स्कीम (सीएसएस) के रूप में संचालित किया जाएगा तथा केंद्र सरकार का मिशन के लिए 5 वर्षों में 48 हजार करोड़ रूपये की सीमा तक अर्थात औसतम 100 करोड़ रूपये प्रति सिटी प्रति वर्ष वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव हैं। समान हिस्सेदारी के आधार पर समान राशि का योगदान राज्य/शहरी स्थानीय निकाय द्वारा किया जाएगा। प्रथम वर्ष के दौरान भारत सरकार ने प्रत्येक चयनित शहर को 194 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव किया हैं तथा उसके बाद अगले तीन वर्ष के लिए प्रत्येक वर्ष 98 करोड़ रूपए दिए जाएंगे। शहर के विकास हेतु संभावित कार्यो में नगर निगम या नगरपालिका तथा राज्य सरकार की 50 प्रतिशत समान हिस्सेदारी होगी।

स्मार्ट सिटीज के विकास में भागीदारी के लिए स्पेन, कनाडा, जर्मन, चीन, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और साउथ कोरिया ने रूचि दिखाई हैं। सरकार द्वारा शहरों के विकास हेतु समयबद्ध तरीके से कार्यो का कार्यान्वयन किया जा रहा हैं। सरकार द्वारा अगले दो वर्षों में 80 शहरों का वित्तपोषण किया जाएगा

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