शनिवार, 5 मार्च 2016

नई दिल्ली सेना में मैनपॉवर घटाकर 'स्मार्ट' बनाने की जरुरतः पर्रिकर



नई दिल्ली सेना में मैनपॉवर घटाकर 'स्मार्ट' बनाने की जरुरतः पर्रिकर


रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सरकार के आर्मी की मैनपॉवर में कटौती करने की जरूरत है। पर्रिकर ने बताया कि इस साल डिफेंस पर्सनल्स की सैलरी पर 95 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

क्यों महत्वपूर्ण है यह रक्षामंत्री का बयान

रक्षामंत्री के इस बयान के कई मायने हैं। सरकार के सामने आर्मी के रखरखाव को लेकर कई चुनौतियां हैं। रक्षा पर पहले की अपेक्षा भारत का बजट बढ़ा है पर साथ ही इस पर होने वाले खर्चे भी बढ़े है। मसलन इस साल मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस सैलरी के अलावा 82,333 करोड़ रुपए पेंशन के तौर पर खर्च करेगी।

अधिक खर्च से सेना के मॉर्डनाइजेशन पर असर

सेना पर किए जा रहे खर्चे से सेना की आधुनिकता पर असर पड़ता है। बजट की तंगी के चलते मॉर्डनाइजेशन पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस पर कम खर्च किया जाता है। ऐसे में रक्षामंत्री का तर्क है कि यूनिट्स की संख्या घटाकर उन्हें अधिक आधुनिकता प्रदान की जा सकती है। जिससे यूनिट्स भले ही छोटी हों पर स्मार्ट हों।

कैसे कम होगी मैनपावर?

रक्षामंत्री के मुताबिक उन्होंने सेना को निर्देश दिए हैं कि ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां ये कटौती संभव है। पर्रिकर ने कहा कि पहले सेना में टेलीफोन ऑपरेटर्स की संख्या ज्यादा है पर हम आधुनिकता लाकर इनकी संख्या कम कर सकते हैं।

शुक्रवार को चीन ने की है डिफेंस बजट बढ़ाने की घोषणा

पर्रिकर ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है जब पड़ोसी मुल्क चीन ने अपने रक्षा बजट को बढ़ाने की घोषणा की है। चीन अपने रक्षा बजट में इस साल 7.6 प्रतिशत की वृद्धि करेगा। यह वृद्धि पिछले 6 साल में सबसे कम है। 7.6 प्रतिशत की वृद्धि के आधार पर चीन इस साल 146.67 बिलियन डॉलर यानि 9,82,526 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगा। यह राशि भारत के रक्षा बजट से चार गुना अधिक है।

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