बाड़मेर बाल विवाह रोकने में कानून की मदद करें-मीणा
बाड़मेर यह बात महिला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनियों को संबोधित करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट शेर सिंह मीणा ने बताई । आपने आगे बताया भ्रूण हत्या, लिंग जाँच करवाना कानूनी अपराध है । आज देश में बालकों की तुलना में बालिकोंओं का अनुपात बहुत कम है । इसका मुख्य कारण लिंग जाँच है । इसके विरूद्ध सरकार ने पीसीपीएनडीटी एक्ट बना रखा है । इसकी जानकारी सभी को होना अनिवार्य है । आप को लोगों में इसकी जानकारी देनी है । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बालकों के पालन पोषण की बड़ी अच्छी जानकारियाँ जन समुदाय को प्रदान की जा रही हैं । जिसमें 6 माह तक केवल माता का दूध पिलाने की बात कही जा रही है जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिये अति आवश्यक है । 6 से 14 वर्ष तक शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है । इसकी जानकारी एवं लाभ सब तक पहुँचे । आज महिलाएँ प्रत्येक क्षेत्र में आगे आ रही है । आर जे एस के नये बैच में 105 में से 74 महिलाएँ सफल हुई हैं । जो महिला सशक्तिकरण का एक अनुपम उदाहरण है । आगे अक्षय तृतीया का पर्व आ रहा है । किंतु इस अवसर पर बाल विवाह अत्यधिक मात्रा में होते हैं । बाल विवाह कानूनन अपराध है और इसमें भाग लेने वाला हर व्यक्ति-पंडित, नाई, हलवाई, बैंडबाजे वाला, बराती, लड़के-लड़की के माता पिता आदि सभी समान रूप से अपराधी हैं । ऐसे किसी अपराध की अवस्था में अपने नजदीकी लोकल मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना देकर इन अपराधों को रोकने में सरकार की सहायता करें ।
न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुराधा दाधीच ने बताया महिलाओं की सुरक्षा हेतु विधि के अंतर्गत व्यापक न्याय व्यवस्था है इसका सदुपयोग जरूर करें किंतु इसका दुरुपयोग नहीं करें । कानून को ढाल के रूप में प्रयोग करें हथियार के रूप में प्रयोग कर महिलाओं एवं कानून की छवि खराब नहीं करें ।
प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी श्री जितेन्द्र कुमार ने बताया महिलाओं के हितों के अधिकाँश कानून सशक्त महिला नेताओं ने ही बनाये हैं । अतः महिलाओं के हितों की रक्षा हेतु महिलाओं को अधिकाधिक संख्या में आगे आकर अपने को सशक्त बनाना चाहिये ।
इस अवसर पर न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री शिवदान भी उपस्थित रहे । महिला एवं बाल विकास विभाग की ंउप निदेशक श्रीमती सती चैधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यकर्ताएं, सहयोगिनियाँ, पर्यवेक्षक श्री सुभाष चन्द्र शर्मा, बाविपअ बाड़मेर श्री नरपत सिंह, मंत्रालयिक कर्मचारी श्री देवदत शर्मा, श्री पवन चैधरी, श्री गंगा राम चैधरी, श्रीमती बसंती शर्मा, श्री गिरधारी लाल खत्री, श्री अनिल कुमार आदि उपस्थित रहे ।
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