जयपुर।'गौर-गौर गोमती, ईसर पूजे पार्वती'
धुलंडी से सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं ने गणगौर पूजा शुरू कर दी है। पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाएं एवं अच्छ वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी लड़कियां 16 दिन तक गणगौर पूजेंगी।
गणगौर का पर्व 9 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन शहर में गणगौर की परंपरागत शाही सवारी निकाली जाएगी।
धुलंडी के दिन होलिका से बड़कुल्यों की राख लाकर घरों और मंदिरों की दीवारों पर गणगौर उकेर कर पूजा शुरू की गई। शुक्रवार को भी सुबह घरों में 'गौर-गौर गोमती, ईशर पूजे पार्वती' के स्वर सुनाई दिए।
गणगौर पूजन के लिए होलिका के दहन की राख लाकर पिंडियां बना कर रखी और घरों एवं मंदिरों में 'गौर-गौर गोमती' के स्वर गूंजना शुरू हो गए।
इसी दिन महिलाओं ने दस दिन तक सुनी जाने वाली दशामाता की कहानी की शुरुआत की। इस बीच घरों एवं मौहल्लों में उत्सवी माहौल नजर आ रहा है।
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