'भारत मां की जय' के खिलाफ फतवा- नहीं कह सकते भारत को 'मां'
संगठन ने यह बात मौलवी सैय्यद गुलाम समादानी अली कादरी के सवाल के जवाब में कही है। मालूम हो कि गुलाम समादानी ने देश में जारी बहस के बीच संगठन से इस सवाल पर जवाब मांगा था।
भारत को मां कहना ठीक नहीं
दारुल उलूम इफ्ता और इस्लामिक फतवा सेंटर के मुफ्ती अजीमुद्दीन ने कहा कि कुदरत के कानून के मुताबिक एक इंसान ही इंसान को जन्म देता है। उन्होंने कहा कि लैंड ऑफ इंडिया को भारत को मां कहना ठीक नही है। मुफ्ती ने इस्लामिक रूल्स का जिक्र करते हुए कहा कि हम भारत की धरती को भारत माता नहीं कह सकते।
जय कहना निजी मामला
फतवा सेंटर के मुफ्ती ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई भारत की धरती को मां की तरह ट्रीट करता है तो यह उसका पर्सनल इश्यू है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन वो शख्स दूसरों को भी ऐसा ही करने के लिए नहीं कह सकता। देश से प्यार जताने का इकलौता जरिया 'जय' कहना नहीं है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
पिछले दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान में कहा था कि कि नई पीढ़ी को भारत माता की जय बोलना सीखाना होगा। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'चाहे मेरे गले पर चाकू रख दो, लेकिन मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा। मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा आप क्या कर लेंगे भागवत साहब।' इसके बाद लगातार के प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें