शनिवार, 12 मार्च 2016

ऊंटों पर निकले सेना के जवान, जगा रहे जज्बा

ऊंटों पर निकले सेना के जवान, जगा रहे जज्बा
बीकानेर हाथ में तिरंगा लिए ऊंटों पर सवार सेना के जवान जब रेतीले धोरों से भारत माता के गगन भेदी नारे लगाते हुए गांव-ढाणियों से गुजरे तो हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

सेना के फौलादी जज्बे का अहसास कराता यह कारवां जिस किसी गांव से निकला लोगों ने अपना आदरभाव प्रकट किया।

सप्त शक्ति कमांड की डॉट डिविजन के जाबांज जवान अगले दस दिन तक मरूभूमि में भ्रमण कर युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करेंगे।

इस रोमांचक अभियान का श्रीगणेश शुक्रवार को पश्चिमी सीमा के निकट रणजीतपुरा से किया गया। डॉट डिविजन के कर्नल विनीत मिड्ढ़ा ने कैमल सफारी को हरी झंडी दिखाई।

पाक सीमा से करीब 20 किलोमीटर पहले रणजीतपुरा गांव के निकट शुक्रवार सुबह रेतीले धोरों के बीच आयोजित कार्यक्रम से कैमल सफारी को रवाना किया गया।

मेजर मिनहास के नेतृत्व में सेना के दो अधिकारी और 20 जवान पहले दिन रावलवा गांव तक ऊंटों पर सफर किया। सफर के दौरान उन्होंने ग्रामीणों को सैनिकों की वीरता, बहादुरी और देशप्रेम से जुड़ी जानकारी दी।

आकर्षण का केन्द्र रही कैमल सफारी

ग्रामीण इलाकों में कैमल सफारी आकर्षण का केन्द्र रही।

सजे-धजे ऊंटों पर लाल रंग की टी-शर्ट पहने सैनिकों का कारवां रेतीले धोरों और झाडि़यों के बीच से एेसे कतारबद्ध चला जिससे नजारा मनमोहक हो गया।

धूल भरी आंधी से लहरा रहा तिरंगा भी देशप्रेम का जज्बा जगा रहा था। कई किलोमीटर का सफर तय कर रावलवा पहुंचे सैनिक शनिवार को अगले पड़ाव के लिए रवाना होंगे।

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