शुक्रवार, 25 मार्च 2016

डूंगरपुर.आसपुर.एक साथ तीन बेटों की मौत, दिव्यांग पिता को अब रोटी के लाले



डूंगरपुर.आसपुर.एक साथ तीन बेटों की मौत, दिव्यांग पिता को अब रोटी के लाले


करकोली गांव में एक ही परिवार के तीन बेटों की सड़क हादसे में मौत से होली का माहौल मातम में बदला। बुधवार दोपहर बाद जैसे ही तीनों के शव करकोली पहुंचे, हाहाकार मच गया। करकोली एवं फतेहपुरा गांव में गांव में किसी भी घर पर चूल्हा नहीं जला। गम में डूबे दोनों गांवों में बुधवार को होलिका दहन भी सांकेतिक ही रहा। शव करकोली पहुंचते ही मृतकों के परिजन सुध-बुध खो बैठे। तीन बेटों की पार्थिव देह घर में रखी तो पिता नानजी एवं माता कांता सहित बड़ा भाई नारायण एवं मृतकों की पत्नियां विलाप बेसुध हो गए। हृदय विदारक दृश्य देख वहां मौजूद सभी लोगों के आंखों से अश्रुधारा बह गई। गांव के लोगों ने ढांढस बंधाया। ज्ञातव्य रहे नानजी मीणा के पुत्र प्रकाश, पूनिया, हीरा अपनी भुआ के पुत्र भगु पुत्र वालिया मीणा निवासी पनियाली की मंगलवार शाम को उदयपुर-बांसवाडा स्टेट हाइवे पर सरणी नदी के समीप सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। शवों को सलूम्बर चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा। झल्लारा पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

परिवार पर मुसीबत का पहाड़

नानजी के परिवार में उसकी पत्नी कान्ता सहित चारों पुत्र का संयुक्त परिवार था। इसमें नारायण सबसे बड़ा है। मृतक प्रकाश, पूनिया व हीरा मजदूरी कर परिवार को मदद कर रहे थे। पिता नानजी लकवा पीडि़त होने से असहाय है। तीन कमाऊ बेटों की मौत से परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया है।

साथ जीए साथ मरे

मृतक प्रकाश एवं पूनिया (25) जुड़वा भाई थे। साथ में जन्म लिया और साथ में ही संसार से विदा भी हुए। मृतक हीरा (22) जन्म से ही मूक था।

बच्चों के सिर से उठा साया

मृतक प्रकाश के तीन वर्ष की पुत्री माधु है। पूनिया के तीन वर्ष का पुत्र विष्णु एवं दो वर्ष की पुत्री रवीना है। पिता की मौत के बाद उनकी मांओं के समक्ष तीन अबोध बालकों की परवरिश व घर चलाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

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