शनिवार, 26 मार्च 2016

हवस की आग में अंधी मां ने मासूम को भी नहीं बख्सा

हवस की आग में अंधी मां ने मासूम को भी नहीं बख्सा

हवस की आग में अंधी मां ने मासूम को भी नहीं बख्सा
गाजियाबाद: ‘पूत कपूत सुने हैं पर माता न सुनी कुमाता’ पुराने समय की यह कहावत इस कलियुगी समाज में उस समय निरर्थक साबित हो गई जब एक मां ने इस पवित्र रिश्ते को कलंकित करते हुए अपनी 7 वर्षीय मासूम बेटी हत्या कर दी। जी, हां मानवता को शर्मसार कर देने वाला यह मामला दिल्ली से सटे गाजियाबाद का है। अपने अवैध संबंध छुपाने की नीयत से महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस जघन्य कांड को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी मां रशीदा और उसके चचेरे भाई और प्रेमी शाहनवाज को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला गाजियाबाद के लोनी इलाका का है, जहां 7 साल की इकरा नाम की लड़की का शव घर से कुछ दूरी पर एक खाली प्लाट में बोरे में बंद मिला था। उससे एक दिन पहले ही इकरा के पिता ने बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी थी। पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश शुरू की तो हैरान करने वाले तथ्य सामने आया।

दरअसल इकरा की मां रशीदा हत्या के बाद से ही कुछ बदली-बदली सी थी। पुलिस ने जब रशीदा के फ़ोन काल की डिटेल्स निकाली तो हैरान करने वाले तथ्य सामने आए। ये पता चला कि रशीदा का अपने रिश्ते में चचेरे भाई शाहनवाज से दो साल से अवैध संबंध थे। पिछले 2 महीने में दोनों के बीच 4200 से ज्यादा बार बातचीत हुई थी। जब दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की, तो दोनों ने अपने जुर्म कबूल कर लिया।

लोनी गाजियाबाद के डीएसपी अनिल कुमार यादव की मानें तो रशीदा और शाहनवाज को इकरा ने आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था, जिसके बाद दोनों ने मिलकर उसे मारने का प्लान बनाया, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं बच्ची उनकी असलियत अपने पिता को ना बता दे। खुद मां और शाहनवाज ने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी और शव को एक दिन तक घर में बेड के नीचे बॉक्स में छुपा कर रख दिया और अगले दिन बोरे में भर कर उसे पास के प्लाट में फेंक दिया।

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