शनिवार, 26 मार्च 2016

बाड़मेर। जिस गाँव में होता है बिजली का उत्पादन उसी गाँव के लोगो तरस रहे है रौशनी को

बाड़मेर। जिस गाँव में होता है बिजली का उत्पादन उसी गाँव के लोगो तरस रहे है रौशनी को 



बाड़मेर। आज के इस विकास के दौर में भी कई गांव ऐसे है जहाँ विकास की रौशनी नही पहुंची। जिले में कई जगह मूलभूत सुविधाएं से लोग वंचित है। सरकार की ओर से गांव-ढाणी को रोशन करने के प्रयास भी यहां विफल होते दिख रहे है। बाड़मेर जिले के शिव तहसील गिरल गाँव में जहां बिजली का उत्पादन होता है और उसी गाँव में स्थित कुम्हारो की ढाणी में लगभग 50 वर्षो निवास कर रहे करीबन 30 ढाणियों के लोग आज भी बिजली जैसी मुलभुत सुविधा भी से वंचित हैं। गांव वालो का कहना है की गांव में बिजली पहुंचाने के लिये उन्होंने सभी नेताओ के चक्कर लगये लेकिन सभी नेताओ ने सिवाये अश्वासन के कुछ भी नही किया । ग्रामीणों द्वारा दो बार बिजली के कनेशन के लिए फ़ाइल ( आवेदन ) भी लगाई और एक बार गाँव में सर्वे टीम भी गांव में आई और सर्वे भी हुआ मगर आज दिन तक घरों में बिजली के कनेशन नहीं हुए। लोगों की मांग के बावजूद भी प्रसासन एवं राजनितिक प्रतिनिधियो ने इस पर कोई कदम अभी तक नहीं उठाया है। जब भी इलेक्शन आता है तो सभी राजनीति प्रतिनिधि बड़े बड़े वादे करते है और लोगों में आशा की किरण जगाते रहते है, मगर आज तक इस गाँव में बिजली नहीं पहुची।जब हमने लोगों से पूछा तो पता लगा की आस पास के गाँव में बिजली है लेकिन सिर्फ हमारे गाँव नहीं है। इस गाँव में सभी नवयुवक, महिला, बच्चे तथा बुजुर्ग इस बात से निराश है की उनकी समस्या का हल कोई नहीं निकाल रहा है।आखिर लोग कंहा और किससे अपनी बात कहें। बिजली  न होने से बच्चो की पढाई एवं महिलाओ की सुरक्षा पर बहुत असर पड़ रहा है, नवयुवको को अँधेरे में अपना जीवन काटना पड़ रहा है। तमाम सरकार की योजनाओ से वंचित है यंहा के नवयुवक। टीवी एवं अन्य मनोरंजन की साधन न होने के कारण, लोगों का जीने का अधिकार का हनन हो रहा है।




















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