शुक्रवार, 4 मार्च 2016

बीकानेर।बीकानेर: नौकरी के लिए 16 किमी दौड़ी 8 माह की गर्भवती

बीकानेर।बीकानेर: नौकरी के लिए 16 किमी दौड़ी 8 माह की गर्भवती

अब इसे रोजगार पाने की आस कहें, जिद कहें या फिर कुछ अलग करने का हौसला! वनपाल की नौकरी पाने के लिए आठ माह की गर्भवती महिला ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए 16 किलोमीटर की दौड़ पूरी की।
हर कोई हैरान है। वो अधिकारी भी जिन्होंने विजयश्री बिश्नोई की स्थिति को देखते हुए उसे शारीरिक दक्षता टेस्ट के तहत दौड़ में हिस्सा लेने से रोक दिया था। जोखिम ज्यादा था। मगर भविष्य के सपनों को आंखों में संजोए इस महिला ने एक न सुनी और 3 घंटे 35 मिनट में रेस पूरी की।
मुरलीधर व्यास कॉलोनी की रहने वाली विजयश्री के लिए रेस में दौडऩा जितना कठिन था, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल था, रेस के लिए पात्रता हासिल करना। वन विभाग के अधिकारियों ने लिखित परीक्षा पास करने वाली विजयश्री को दौड़ में हिस्सा लेने से रोक दिया था। लेकिन विजयश्री ने महिला चिकित्सक से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लाकर अधिकारियों को सौंप दिया।
इस पर भी बात नहीं बनी तो स्वेच्छा से दौड़ में हिस्सा लेने का शपथ पत्र थमा दिया। आखिरकार प्रशासन को मानना पड़ा। दौड़़ प्रक्रिया स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय परिसर में हुई। विजयश्री बिश्नोई ने बताया कि उनके पति ने उसकी स्थिति को देखते हुए दौड़ से इनकार किया था, लेकिन मन में कुछ अलग करने की इच्छा थी।
जब इस बात को उसने अपने मम्मी-पापा को बताया तो उन्हांेने हौसला बढ़ाया। उपवन संरक्षक मनाली सैन ने बताया कि उपवन संरक्षक स्टेज द्वितीय के तत्वावधान में 1-3 मार्च तक आयोजित वनपाल व वन रक्षक परीक्षा में 154 वनपाल (पुरुष) व 26 महिला वनपाल व 36 महिला वन रक्षक ने शारीरिक दक्षता व पैदल चाल परीक्षा में भाग लिया।

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