गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

जोधपुर घमासान के बीच पक्ष-विपक्ष ने माना नगर निगम के कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त



जोधपुर घमासान के बीच पक्ष-विपक्ष ने माना नगर निगम के कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त


नगर निगम का बजट पेश करने के लिए कार्यालय में बैठक गुरुवार को ठीक सुबह 11 बजे शुरू हो गई। समय की पाबंदी तो अच्छी थी, लेकिन बजट बैठक में यूडी टैक्स और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर घमासान मच गया। जहां महापौर घनश्याम ओझा का कहना था कि कांग्रेस बोर्ड ने गुमराह किया, वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सोलंकी का कहना था कि देश, राज्य और निगम का बोर्ड ही झूठे दावे के साथ बना है। पक्ष और विपक्ष ने घमासान के बीच ये साबित कर दिया कि नगर निगम के कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

कर्मचारियों के मुंह लगा खून

पार्षद मेघराज लोहिया ने कहा कि कांग्रेस काल में कर्मचारियों के मुंह खून लग गया था, जिसे अब जनता भुगत रही है। भाजपा का बोर्ड भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन है। पार्षद ने ये भी कहा कि 15 साल पुरानी इस समस्या को खत्म करने में समय लगेगा।

बैठक में अब तक ये प्रस्ताव हुए पारित

-इस बजट में पार्षदों की अनुशंषा पर होने वाले कार्यों की राशि को बढ़ा कर 80 लाख कर दिया गया, जो पूर्व में 50 लाख थी

-पार्क के लिए 15 लाख और शौचालय निर्माण के लिए दस लाख रुपए का प्रवधान

-सांसद कोटे से पांच करोड़ के विकास कार्य कराए जाएंगे

-एमएलए कोटे से होंगे 2 करोड़ के विकास कार्य

-शहर के फुटपाथों को सुधारने के लिए पांच करोड़ की लागत से कार्य कराए जाएंगे, बजट बैठक में ये प्रस्ताव पहले से शामिल नहीं था

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