जैसलमेर-बाड़मेर से जुड़ेगा कांडला
जैसलमेर. जैसलमेर से कांडला को जोडऩे का वर्षों से इंतजार कर रहे जिले के बाशिंदों को आखिर खुश खबर मिल गई है। जैसलमेर से भाभरा तक रेल लाइन स्वीकृत होने से अब कांडला तक का सफर आसान हो जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका की ओर से 17 फरवरी से बिछा दो विकास का ट्रेक शीर्षक से समाचार अभियान का सिलसिला शुरू किया गया था।
समाचारों के माध्यम से जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला तक रेलमार्ग से जोडऩे की आवश्यकता बताते हुए व्यावसायिक क्षेत्र में जैसाणे के सिरमौर बनने की संभावनाओं पर बल दिया गया था। आय के साथ रोजगार के अवसर बढऩे, बाड़मेर को लाभ, गुजरात से पंजाब तक पश्चिमी राजस्थान के जुडऩे और पर्यटन को पंख लगने जैसी संभावनाओं को शामिल किया गया। जनता की आवाज को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया और रेल बजट में जैसलमेर-भाभर रेल लाइन के नए कार्य को प्रमुखता से लिया गया है।
सरहदी जिलों को मिलेगा फायदा
जैसलमेर से भाभरा के बीच 5 हजार करोड़ की लागत से नई रेल लाइन पूरी होने के बाद जैसलमेर से गुजरात की दूरी कम होने के साथ ही महाराष्ट्र वाया गुजरात-राजस्थान से पंजाब तक सीधा जुड़ाव होगा। इसका सीधा फायदा सरहदी जैसलमेर व बाड़मेर जिलों के विकास को मिल सकेगा। गत 17 साल से जैसलमेर-बाड़मेर-भाभरा के बीच नई रेल लाइन की मांग इस बजट में नए ट्रेक की घोषणा के साथ पूरी हो गई। नए ट्रेक से जैसलमेर के पत्थर व्यवसाय को मजबूती मिलेगी, वहीं सीमेन्ट फैक्ट्रियां लगने की राह भी आसान होगी। बाड़मेर में रिफाइनरी की संभावनाओं को भी इस बजट से मजबूती मिलेगी।
कांडला-बाड़मेर-भाभर रेल लाइन से पंजाब-कांडला के साथ जैसलमेर व बाड़मेर जिलों के औद्योगिक विकास को भी पंख लगेंगे। वर्तमान में जैसलमेर से निकलने वाले पत्थर की जोधपुर के रास्ते दुर्गापुरा, सूरत तक आपूर्ति की जाती है। इस ट्रेक से माल गाडिय़ों को आवागमन में सुविधा और समय की भी बचत हो सकेगी।
बढ़ेगी सैलानियों की संख्या
नई रेल लाइन शुरू होने पर जैसलमेर आने वाले सैलानियों की संख्या में भी इजाफा होगा। गुजरात व मुंबई भ्रमण के बाद समय की बचत कर विदेशी सैलानी सीधा जैसलमेर पहुंच सकेंगे।
पर्यटन में ऐसे बढ़ेगी आय
हर वर्ष गुजरात व महाराष्ट्र से हजारों श्रद्धालु रामदेवरा में लोकदेवता बाबा रामदेव के दर्शन करने आते हैं। नई लाइन से सीधा जुड़ाव होने से यहां से आने वाले यात्रियों को बाबा के दर्शन के साथ जैसलमेर भ्रमण का भी मौका मिलेगा। वर्तमान में जोधपुर के रास्ते रामदेवरा पहुंचने के बाद 90 फीसदी श्रद्धालु रामदेवरा से ही लौट जाते हैं। ऐसे में भी जैसलमेर पर्यटन व्यवसाय को करोड़ों की रुकी हुई है।
इस्पात उद्योग को फायदा
जैसलमेर में निकलने वाला लाइम स्टोन इस्पात बनाने के लिए सर्वाधिक उपयोगी है। नए ट्रेक से जैसलमेर से फैक्ट्री तक लाइम स्टोन पहुंचाने के लिए करीब 350 से 400 किलोमीटर तक का सफर कम हो जाएगा।
जैसलमेर के लिए सौगात
जैसलमेर व गुजरात के बीच नई रेल लाइन जैसलमेर व गुजरात के बीच पर्यटन व सैन्य लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगी। केन्द्रीय रेल बजट में यह जैसलमेर को एक सौगात है।
-कर्नल सोनाराम चौधरी, सांसद
यह होगा फायदा-
लाइन स्टोन की ढुलाई होगी आसान
जैसलमेर से गुजरात-महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश तक सीधा जुड़ाव।
जोधपुर ट्रेक पर ट्रेफिक अधिक होने से जैसलमेर को ट्रेनों का नुकसान होगा कम।
जैसलमेर-गुजरात के बीच सवारी ट्रेनों से यात्रियों को मिलेगी सुविधा।
जैसलमेर की खनिज संपदा का हो सकेगा बेहतर उपयोग।
पर्यटन व्यवसाय को लगेंगे पंख।
जैसलमेर-बाड़मेर व गुजरात की अन्तरराष्ट्रीय भारत-पाक सरहद होगी महफूज।
जरूरत पर बिना विलंब के सरहद तक पहुंच सकेगी मशीनरी।
जैसलमेर का कांडला से सीधा जुड़ाव।
यात्रियों को मिलेगी सीधी रेल सुविधा।
औद्योगिक विकास को लगेंगे पंख
जैसलमेर. जैसलमेर से कांडला को जोडऩे का वर्षों से इंतजार कर रहे जिले के बाशिंदों को आखिर खुश खबर मिल गई है। जैसलमेर से भाभरा तक रेल लाइन स्वीकृत होने से अब कांडला तक का सफर आसान हो जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका की ओर से 17 फरवरी से बिछा दो विकास का ट्रेक शीर्षक से समाचार अभियान का सिलसिला शुरू किया गया था।
समाचारों के माध्यम से जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला तक रेलमार्ग से जोडऩे की आवश्यकता बताते हुए व्यावसायिक क्षेत्र में जैसाणे के सिरमौर बनने की संभावनाओं पर बल दिया गया था। आय के साथ रोजगार के अवसर बढऩे, बाड़मेर को लाभ, गुजरात से पंजाब तक पश्चिमी राजस्थान के जुडऩे और पर्यटन को पंख लगने जैसी संभावनाओं को शामिल किया गया। जनता की आवाज को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया और रेल बजट में जैसलमेर-भाभर रेल लाइन के नए कार्य को प्रमुखता से लिया गया है।
सरहदी जिलों को मिलेगा फायदा
जैसलमेर से भाभरा के बीच 5 हजार करोड़ की लागत से नई रेल लाइन पूरी होने के बाद जैसलमेर से गुजरात की दूरी कम होने के साथ ही महाराष्ट्र वाया गुजरात-राजस्थान से पंजाब तक सीधा जुड़ाव होगा। इसका सीधा फायदा सरहदी जैसलमेर व बाड़मेर जिलों के विकास को मिल सकेगा। गत 17 साल से जैसलमेर-बाड़मेर-भाभरा के बीच नई रेल लाइन की मांग इस बजट में नए ट्रेक की घोषणा के साथ पूरी हो गई। नए ट्रेक से जैसलमेर के पत्थर व्यवसाय को मजबूती मिलेगी, वहीं सीमेन्ट फैक्ट्रियां लगने की राह भी आसान होगी। बाड़मेर में रिफाइनरी की संभावनाओं को भी इस बजट से मजबूती मिलेगी।
कांडला-बाड़मेर-भाभर रेल लाइन से पंजाब-कांडला के साथ जैसलमेर व बाड़मेर जिलों के औद्योगिक विकास को भी पंख लगेंगे। वर्तमान में जैसलमेर से निकलने वाले पत्थर की जोधपुर के रास्ते दुर्गापुरा, सूरत तक आपूर्ति की जाती है। इस ट्रेक से माल गाडिय़ों को आवागमन में सुविधा और समय की भी बचत हो सकेगी।
बढ़ेगी सैलानियों की संख्या
नई रेल लाइन शुरू होने पर जैसलमेर आने वाले सैलानियों की संख्या में भी इजाफा होगा। गुजरात व मुंबई भ्रमण के बाद समय की बचत कर विदेशी सैलानी सीधा जैसलमेर पहुंच सकेंगे।
पर्यटन में ऐसे बढ़ेगी आय
हर वर्ष गुजरात व महाराष्ट्र से हजारों श्रद्धालु रामदेवरा में लोकदेवता बाबा रामदेव के दर्शन करने आते हैं। नई लाइन से सीधा जुड़ाव होने से यहां से आने वाले यात्रियों को बाबा के दर्शन के साथ जैसलमेर भ्रमण का भी मौका मिलेगा। वर्तमान में जोधपुर के रास्ते रामदेवरा पहुंचने के बाद 90 फीसदी श्रद्धालु रामदेवरा से ही लौट जाते हैं। ऐसे में भी जैसलमेर पर्यटन व्यवसाय को करोड़ों की रुकी हुई है।
इस्पात उद्योग को फायदा
जैसलमेर में निकलने वाला लाइम स्टोन इस्पात बनाने के लिए सर्वाधिक उपयोगी है। नए ट्रेक से जैसलमेर से फैक्ट्री तक लाइम स्टोन पहुंचाने के लिए करीब 350 से 400 किलोमीटर तक का सफर कम हो जाएगा।
जैसलमेर के लिए सौगात
जैसलमेर व गुजरात के बीच नई रेल लाइन जैसलमेर व गुजरात के बीच पर्यटन व सैन्य लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगी। केन्द्रीय रेल बजट में यह जैसलमेर को एक सौगात है।
-कर्नल सोनाराम चौधरी, सांसद
यह होगा फायदा-
लाइन स्टोन की ढुलाई होगी आसान
जैसलमेर से गुजरात-महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश तक सीधा जुड़ाव।
जोधपुर ट्रेक पर ट्रेफिक अधिक होने से जैसलमेर को ट्रेनों का नुकसान होगा कम।
जैसलमेर-गुजरात के बीच सवारी ट्रेनों से यात्रियों को मिलेगी सुविधा।
जैसलमेर की खनिज संपदा का हो सकेगा बेहतर उपयोग।
पर्यटन व्यवसाय को लगेंगे पंख।
जैसलमेर-बाड़मेर व गुजरात की अन्तरराष्ट्रीय भारत-पाक सरहद होगी महफूज।
जरूरत पर बिना विलंब के सरहद तक पहुंच सकेगी मशीनरी।
जैसलमेर का कांडला से सीधा जुड़ाव।
यात्रियों को मिलेगी सीधी रेल सुविधा।
औद्योगिक विकास को लगेंगे पंख
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें