हर्षा डी पंजाबी निबंध प्रतियोगिता में प्रथम
अजमेर 23 जनवरी। संयुक्त राष्ट्र संघ एवं श्री रामचन्द्र मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में अजमेर ने आंचलिक स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। निबंध प्रतियोगिता के समन्वयक मनीष गहलोत ने बताया कि एचकेएच पब्लिक स्कूल की सिनीयर सैकण्डरी कक्षा में अध्ययनरत हर्षा डी पंजाबी ने अंचल स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
स्पीक मैके की डेमोस्ट्रेशन वर्कशाॅप भिनाय में सम्पन्न
छात्राओं ने सीखी नृत्य कला की बारिकियां
अजमेर 23 जनवरी। स्पीक मैके अजमेर के तत्वाधान में वर्कशाॅप डेमोस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत उपखण्ड के 12 विद्यालयों में अन्तर्राष्ट्रीय कथक नृत्यागंना समीक्षा शर्मा ने भारतीय संस्कृति को जाग्रत करने के लिए आयोजित कार्यशाला में अपनी शिष्या निकिता सिंह के साथ कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी और नृत्य की बारिकीयों से उपस्थित जनसमुदाय विशेषकर उपस्थित छात्राओं को रूबरू करवाया। उन्होनें उपखण्ड अधिकारी ज्योति ककवानी की पहल पर स्पीक मेके की ओर से भिनाय क्षेत्रा में 18 जनवरी से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सोबडी, खेडी, देवलिया कलां, बडली, बडगांव, राममालिया, नागोला, चापांनेरी, हीराुपरा, बूबकिया, छछुन्दरा में प्रस्तुतियां दी गई। वर्कशाॅप डेमोस्ट्रेशन का समापन भिनाय स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में किया गया। डेमोस्ट्रेशन में लगभग 3500 छात्राओं को कत्थक सीखाने और उनमें भारतीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य के प्रति रूचि जाग्रत करने का प्रयास किया गया। उन्होनें बताया कि हम युवा पीढी में भारतीय कला के प्रति जागरूकता पैदा करके अपनी संस्कृति के साथ जोड़े रखने का विनम्र प्रयास कर रहे है।
उपखण्ड अधिकारी द्वारा विश्व विख्यात नृत्यांगना का परिचय करवाने के पश्चात माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्वलित कर मां शारदे की वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की गई। समीक्षा शर्मा ने कार्यक्रम का प्रारंभ शिव दृष्टांत से किया। नृत्य के दौरान उन्होनें भगवान शिव के शांत स्वरूप व रौद्र रूप की सजीव प्रस्तुति दी जिससे दर्शकगण भावविभोर हो गए। उन्होनें नमामीश मीशां निर्वाण रूपम, विभुम व्याकम,ब्रह्म वेदं स्वरूपम शिव महिमा के वर्णन को कथक नृत्य के माध्यम से व्यक्त किया। इसके बाद उन्होनें कत्थक नृत्य के तकनीकी पक्ष को भी दर्शको के समक्ष रखा। उन्होनें कथक नृत्यों को विभिन्न पडाव के माध्यम से बताते हुए उठाव यानि नृत्य के लिए उठकर आना, फिर थाट, गणेश, आमद, पक्षी बंद, फुल, चैदह चक्कर व अन्त में लडी के बारें में बताया। उन्होनें बताया कि कत्थक नृत्य में सम होता हैं यानि एक स्टेप समाप्त होने के बाद ऊर्जा को एकत्रित करना। इसके बाद उन्होनें उपस्थित छात्राओं को के साथ कत्थक का अभ्यास भी किया । समीक्षा शर्मा ने वार्ता के दौरान बताया कि कला हमारी संस्कृति की पहचान हैै, नृत्य कला जिसके एक क्षेत्रा का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होनें बताया कि कत्थक अन्य नृत्यों की भांति एक कला ही हैं लेकिन हमोर हिन्दू धर्म में कथा को विशेष महत्व हैं। सभी लोग धार्मिक कथा का महत्व व उसका मर्म जानते हैं। उन्होनें कत्थक शब्द का अभिप्राय बताया कि ‘कथा कहे सो कत्थक कहावे।‘
कई सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं शर्मा
मशहूर नृत्यांगना समीक्षा शर्मा को भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 2003 से 2005 तक स्काॅलर शिप प्रदान की गई। उन्हें ग्वालियर गौरव व ग्वालियर रत्न के सम्मान से सम्मानित किया जा चुका हैं। साथ ही नृत्य श्रंगारमणि के नाम से नेशनल अवार्ड भी इनकी कला को प्रदान किया जा चुका है।
दुनिया के कई देशों में छाप छोडी
विश्व विख्यात नृत्यांगना समीक्षा शर्मा ने राग विराग देहली के द्वारा आयोजित ड्यूट कत्थक डांस महोत्सव, विरासत कथक फस्टिवल, खजुराहो डांस फस्टिवल, चंडोत्सव इंदौर, लालमनि संगी समारोह कानपुर, कथक संध्या लखनऊ,प्रयाग संगीत समिति, सार्क तरोना लारीइंटर नेशनल म्युजिकल फेस्टिवल, कालीदास समारोह उज्जैन, नर्मदा महोत्सव जबलपुर, मध्यप्रदेश महोत्सव भोपाल सहित जर्मनी, नार्वे, स्पेन,वार्सिलोना, बेनजुएला में भी कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दे चुकी हैं। साथ ही शर्मा चार वर्षो तक एम्बेसी आॅफ इण्डिया ताशकन्द उज्बेकिस्तान में कथक प्रशिक्षिका के रूप में भी कार्य कर चुकी है इस दौरान सार्क वूमेन एसोसिएशन उज्बेकिस्तान द्वारा भी सम्मान्नित कि जा चुकी है
ये थे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान स्पीक मैके के जिला समन्वयक आनन्द अग्रवाल,कार्यवाहक तहसीदार गोकुलराम धाकड, थानाधिकारी केसर सिंह नरूका, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग मधुबाला सिंह, प्रधानाचार्या गीता खारोल, समाज सेवक ओम प्रकाश सनाढ्य, हरिश मामनानी, सत्यनारायण कछोट, ताराचन्द मेवाडा, सुरेशचन्द सैन सहित विद्यालय स्टाफ, ग्रामीणजन व छात्राएं उपस्थित थी।
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