शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर के आधार पर होगा शिक्षकों का मूल्यांकन- प्रो. देवनानी



विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर के आधार पर होगा शिक्षकों का मूल्यांकन- प्रो. देवनानी

मकर संक्रांति पर शिक्षा राज्य मंत्राी ने विद्यार्थियों को बांटे स्वेटर


अजमेर 15 जनवरी । जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी विद्यालयों का शैक्षणिक स्तर ऊंचा उठाने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। शिक्षक वर्ग भी सरकार के इन प्रयासों में कन्धे से कन्धा मिलाकर सहयोग करे। आगामी दिनों में शिक्षकों का मूल्यांकन उनके विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर के आधार पर होगा। विद्यार्थी वर्ग भी अपनी जिम्मेदारी समझे और मन लगाकर पढ़ाई करे।

शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. देवनानी ने आज मकर संक्रांति के अवसर पर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय घी मण्डी, नागफणी और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दाता नगर में विद्यार्थियों को सुहानी सर्दी संस्था की ओर से स्वेटर वितरित किए। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रो. देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक स्तर ऊंचा उठाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश के स्कूलों में कई सालों से रिक्त पड़े पदों को पदोन्नति के जरिए भरा गया है। शिक्षकों की सालों से लम्बित मांगों को पूरा किया गया है। अन्य समस्याओं का भी निराकरण किया जा रहा है। सरकार अपने प्रयासांे में कोई कमी नहीं रख रही है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिए भी पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रयास किए जा रहे है। निशुल्क शिक्षा और मिड डे मील के साथ ही प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैपटाॅप एवं स्कूटी वितरण जैसी योजनाए भी लागू की गई है। बालिकाओं को साईकिल वितरण, ट्रांसपोर्ट वाऊचर एवं गार्गी पुरस्कार जैसी योजनाएं लागू हुई है। इसके अतिरिक्त भी कई तरह से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विद्यार्थी वर्ग अपनी जिम्मेदारी समझे और मन लगाकर पढ़े, देश व समाज का नाम रोशन करे।

प्रो. देवनानी ने कहा कि शिक्षक वर्ग सरकार के इन प्रयासों में पूरा सहयोग प्रदान करे। सरकारी विद्यालयों के बच्चों के शैक्षणिक स्तर की समय समय पर जांच की जाएगी और इसके आधार पर ही शिक्षकों का मूल्यांकन होगा। अच्छे परिणाम देने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत और प्रोत्साहित भी किया जाएगा। इस साल से आठवी बोर्ड परीक्षा प्रणाली लागू की गई है। शिक्षक विद्यार्थियों को पूरी गम्भीरता के साथ पढ़ाए ताकि उनका परिणाम अच्छा आए।

शिक्षक की भूमिका में नजर आए शिक्षा राज्य मंत्राी

स्कूलों में इन कार्यक्रमों के दौरान शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी शिक्षक की भूमिका में नजर आए। उन्होंने दोनों विद्यालयों में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर की जानकारी ली। विद्यार्थियों से उन्हें पढ़ाए जाने वाले पाठों के बारे में भी पूछा । उन्होंने स्कूल यूनिफार्म में नहीं आने वाले बच्चों को समझाया। साथ ही उन्हें हाथ धोकर खाना खाने का महत्व भी समझाया। शिक्षा राज्य मंत्राी ने विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार का महत्व समझाते हुए कहा कि इससे तन और मन स्वस्थ होता है।

इस अवसर पर पार्षद कुन्दन वैष्णव, महेन्द्र जादम, सीताराम शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।


देश की जड़ों से जुड़ा हो औद्योगिक विकास - प्रो. देवनानी

डी.ए.वी. काॅलेज में राष्ट्रीय सेमीनार का उद्घाटन

एन्टरप्रन्योरशिप ग्लोबल इकाॅनोमी एण्ड सस्टेनेबल डवलपमेंट फाॅर डवलेपिंग इण्डिया विषय पर हो रही है सेमीनार

अजमेर 15 जनवरी । जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि देश का वास्तविक विकास तभी संभव है जब यह देश की जड़ों से जुड़ा हो। देश की विभिन्न जरूरतों का उत्पादन देश में देशी उद्योगों द्वारा किया जाना चाहिए। साथ ही हमें काम काज में भी देश को सर्वाेपरि रखकर सोचने की आवश्यकता है।

शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. देवनानी ने आज डी.ए.वी. काॅलेज में एन्टरप्रन्योरशिप ग्लोबल इकाॅनोमी एण्ड सस्टेनेबल डवलपमेंट फाॅर डवलेपिंग इण्डिया विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि उद्यम हमारा स्वभाव है और यह हमारी सदियों की आदतों से जुड़ा हुआ है। अर्थ व्यवस्था राष्ट्र की रीढ होती है और अब इस पर गंभीरता के साथ चिंतन मनन की आवश्यकता है। भारत की अर्थ व्यवस्था और विकास तभी सही मायनों में सफल साबित होंगे जब इनका जुड़ाव हमारी जड़ों से होगा।

उन्होंने कहा कि आजादी के तुरन्त पश्चात हमारी अर्थ व्यवस्था को जो दिशा मिलनी चाहिए थी वह नही मिल पायी। कभी समाजवाद तो कभी पूंजीवाद हमारी सोच पर हावी रहे जबकि सही मायने में इन्हें देश की जड़ों पर आधारित होना चाहिए था। अर्थ व्यवस्था का जड़ों से जुड़ाव जानना हो तो हमे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को समझना होगा। आज आवश्यकता हैं कि हम युग की चीजों को देशानुकूल एवं देश की चीजों को युगानुकूल बनाए। इस सोच से सारी समस्याएं स्वतः ही हल होती जाएगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार एवं मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राज्य सरकार अर्थ व्यवस्था की मजबूती के लिए शानदार काम कर रही है। हाल ही आयोजित रिसर्जेंट राजस्थान में तीन लाख करोड़ से अधिक के एम.ओ.यू. राजस्थान को उद्योगों के क्षेत्रा में अग्रणी पंक्ति में ले आएंगे। इसके साथ ही हुनरमंद युवाआंे को तैयार करने का राज्य सरकार का प्रयास भी बेहद सफल साबित हो रहा है। प्रदेश में बढ़ी संख्या में युवाओं को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षत किया जा रहा है। आने वाले समय में राजस्थान उद्योगों में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरतों को पूरा करने वाला प्रमुख राज्य बनेगा।

प्रो. देवनानी ने युवाओं का आह्वान किया कि वे तीन आई- इनीशिएटिव, इनोवेशन, इन्टेलीजेन्सी तथा तीन सी - कम्यूनिकेशन, क्रियेटिविटी और कान्फिडेन्स को जीवन में शामिल कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में जुट जाए। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के अधिक से अधिक इस्तेमाल का आग्रह किया।

सेमीनार के उद्घाटन समारोह को प्राचार्य डाॅ. अनूप कुमार, मुुख्य वक्ता डाॅ. आशीष पारीक आदि ने भी सम्बोधित कर विषय पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सेमीनार के सम्भागी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें