बाड़मेर। विप्र धैनु सुर संत हित, प्रभु अवतार धरते है - लक्ष्मणदास महाराज
बाड़मेर। गोलेच्छा ग्राउण्ड में चल रही शिवकथा में सातवें दिन महाराज लक्ष्मणदास जी ने कहा जो शिवदे्राही है । वह राम को नहीं पा सकते है। भगवान शिवभक्तों पर कृपा हेतु ही लिंग रूप में व्याप्त हुऐ इसी प्रसंग में बारह ज्योति लिंगों की विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया और कहा जब भी किसी भक्त ने भगवान की आराधन कर याद किया। तब षिव प्रकट हुए व भक्तों की प्रसन्नता व जन कल्याण हेतु वहीं स्थित हो गए। प्रभू हमेषा व्रिप, धेनु सुर, नंत के हित ही अवतार धारण करते है। ज्योतिलिंग में महाकाल सोमानाथ, रामेष्वर, मल्लिकार्जुन आदि षिवलिंगों की उत्पति का कारण बताया। रामेष्वर जो राम के इष्ट है वही रामेष्वर है। काषी विष्वनाथ में जो प्राणी अपना देह व्यागता है व प्राणी षिव धाम को प्राप्त हो जाता है। शनिवार को कथा पाण्डाल में भजन गायक सवाई माली द्वारा मधूर भजनों की प्रस्तुती दी गई। गुरू महिमा, मीरा बाई भजनों की प्रस्तुती दी। भजनों पर श्रोता झूम कर नाचने लगें।
कथा संयोजक दुर्गाषंकर व बाबुलाल ने बताया मेवाराम जैन विधायक बाड़मेर व श्याम माली, दिपक परमार द्वारा आरती की गई। प्रसादी का लाभ नरेष माली फल वाला ने लिया व गायत्री चैक महिला मण्डल ने उत्साह पूर्व आरती में भाग लिया पाण्डाल संचालन महेष एडवोकेट ने किया। व मंच संचालन उतम शर्मा ने अपना अपना सहयोग दियां षिव पुराण के बाद चार दिवस भक्त चरित्र नाना बाई का माहेरा का पावन प्रसंग झांकी सहित होगा।
बाड़मेर। गोलेच्छा ग्राउण्ड में चल रही शिवकथा में सातवें दिन महाराज लक्ष्मणदास जी ने कहा जो शिवदे्राही है । वह राम को नहीं पा सकते है। भगवान शिवभक्तों पर कृपा हेतु ही लिंग रूप में व्याप्त हुऐ इसी प्रसंग में बारह ज्योति लिंगों की विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया और कहा जब भी किसी भक्त ने भगवान की आराधन कर याद किया। तब षिव प्रकट हुए व भक्तों की प्रसन्नता व जन कल्याण हेतु वहीं स्थित हो गए। प्रभू हमेषा व्रिप, धेनु सुर, नंत के हित ही अवतार धारण करते है। ज्योतिलिंग में महाकाल सोमानाथ, रामेष्वर, मल्लिकार्जुन आदि षिवलिंगों की उत्पति का कारण बताया। रामेष्वर जो राम के इष्ट है वही रामेष्वर है। काषी विष्वनाथ में जो प्राणी अपना देह व्यागता है व प्राणी षिव धाम को प्राप्त हो जाता है। शनिवार को कथा पाण्डाल में भजन गायक सवाई माली द्वारा मधूर भजनों की प्रस्तुती दी गई। गुरू महिमा, मीरा बाई भजनों की प्रस्तुती दी। भजनों पर श्रोता झूम कर नाचने लगें।
कथा संयोजक दुर्गाषंकर व बाबुलाल ने बताया मेवाराम जैन विधायक बाड़मेर व श्याम माली, दिपक परमार द्वारा आरती की गई। प्रसादी का लाभ नरेष माली फल वाला ने लिया व गायत्री चैक महिला मण्डल ने उत्साह पूर्व आरती में भाग लिया पाण्डाल संचालन महेष एडवोकेट ने किया। व मंच संचालन उतम शर्मा ने अपना अपना सहयोग दियां षिव पुराण के बाद चार दिवस भक्त चरित्र नाना बाई का माहेरा का पावन प्रसंग झांकी सहित होगा।
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