शनिवार, 23 जनवरी 2016

बाड़मेर। भव्य आचार्य पदारोहण एवं मुमुक्षु पवन छाजेड़ की दीक्षा 13 फरवरी को। कार्यक्रम में देशभर से आयेगें भक्तगण



बाड़मेर। भव्य आचार्य पदारोहण एवं मुमुक्षु पवन छाजेड़ की दीक्षा 13 फरवरी को। कार्यक्रम में देशभर से आयेगें भक्तगण

बाड़मेर। प.पू. आर्यपुत्र संघ स्थविर खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनउदयसागर सूरिश्वरजी म.सा. के सुशिष्य ज्योतिष विशारद गणिवर्य श्री पूर्णानंदसागरजी म.सा.को खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनकैलाशसागर सूरिश्वरजी म.सा. की आज्ञानुसार एवं अखिल भारतीय खरतगरगच्छ महासंघ के निर्णयानुसार 13 फरवरी को अखिल भारतीय श्री जैन श्वे. खरतरगच्छ महासंघ के तत्वाधान में मोती डूंगरी दादावाड़ी जयपुर नगर में श्रीमाल सभा (रजि.) द्वारा पंच परमेष्ठि के तृतीय आचार्य पद से सुशोभित किए जाने का भव्य महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।

चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया कि आचार्य पदारोहण के महोत्सव के अंतर्गत 13 फरवरी को त्याग तप एवं शौर्य की वसुंधरा थारनगरी बाड़मेर नगर के कुलदीपक उग्र तपस्वी बाल ब्रह्मचारी मुमुक्षु पवन छाजेड़ की भागवती दीक्षा का आयोजन होगा।

आचार्य एवं दीक्षा महोत्सव के अंतर्गत आयोजित त्रिदिवसीय कार्यक्रम के तहत् पवित्रता का प्रथम दिवस 11 फरवरी गुरूवार को डोरा बंधन, केसर छांटना एवं रात्रि में भव्य भजन संध्या व दिव्यता का द्वितीय दिवस 12 फरवरी शुक्रवार को प्रातः 7.45 बजे आचार्य पदारोहण एवं भागवती दीक्षा निमिते भव्य वर्षीदान वरघोड़ा एवं रथयात्रा, सांझी, महेन्दी वितरण एवं रात्रि में दीक्षार्थी का अभिनंदन समारोह का आयोजन होगा। महोत्सव के तारकता का तृतीय दिवस 13 फरवरी शनिवार को प्रातः शुभ मुहुर्त में पंच प्रस्थान अधिष्ठित पंच तीर्थ स्वरूप पंचाचार प्रभावक ‘सूरि पद प्रदान’ विधान प्रारंभ होगा एवं मंगल मुहूर्त में प.पू. शासन सम्राट खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरिश्वरजी म.सा. के करकमलों से गणिर्वय श्री पूर्णानंदसागरजी म.सा. को आचार्य पद से विभूषित किया जायेगा एवं मुमुक्षु पवन छाजेड़ को भागवती दीक्षा अंगीकार करवाई जायेगी।

छाजेड़ ने बताया कि आचार्य पदारोहण एवं दीक्षा स्वर्णोत्सव में जयपुर संघ की विनती पर प.पू. शासन प्रभावक मधुरभाषी खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरिश्वरजी म.सा. जबलपुर चातुर्मास के पश्चात् उग्र विहार करते हुए आचार्य पद की सम्पूर्ण क्रिया संपादित करवाने पधार रहे है।

इनका रहेगा सानिध्य-

छाजेड़ ने बताया कि प.पू. प्रवर्तिनी महोदया कीर्तिप्रभा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा एवं विश्व प्रेम प्रचारिका प्रवर्तिनी महोदया विचक्षण श्रीजी म.सा. की शिष्या प.पू. मनोहरश्रीजी म.सा. आदि ठाणा का पावन सानिध्य प्राप्त होगा। वहीं देशभर से विभिन्न संघों के पदाधिकारी एवं अग्रणीय श्रावक उपस्थित रहेगें।

मुमुक्षु पवन छाजेड़ की ज्ञान -दर्शन-चारित्र- तप योग की झलकियां

 ज्ञानयोग - पंच प्रतिक्रमण, चार प्रकरण, तत्वार्थ सूत्र, 5 कर्मग्रंथ, 35 बोल, योग दृष्टि समुच्चय, आनंदघन चैबीसी, स्तुति, चैत्यवंदनादि, विविध क्षेत्रों में पर्युषण आराधना।

 दर्शनयोग - सम्मेतशिखरजी आदि पूर्वी तीर्थ, सिद्धाचल, गिरनार, राजस्थान पंचतीर्थी आदि अनेक तीर्थों की यात्रा।

 पद यात्रा - श्री महागिरीराज सिद्धाचल तीर्थ की 6 नव्वाणु यात्रा, बैंगलोर से पालीतणा, शंखेश्वर से नाकोड़ा, शंखेश्वर से पालीतणा, फलोदी से लौद्रवा, शिवगंज से शंखेश्वर आदि 20 हजार कि.मी. से अधिक की पदयात्रा।

 चारित्रयोग- पौषध आदि

 तपोयोग - महाभद्रतप, भद्रतप, श्रेणितप-3, वर्षीतप -2, 36 उपवास, महामृत्युंजय तप, बीस स्थानक तप संपूर्ण, 15,14,11,9,8 उपवासादि, मोक्षदंड तप, ज्ञानपंचमी तप, वर्धमानतप की 25 ओली आदि, 7 केशलुंचन।

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