आंगनवाड़ी केन्द्रो पर मुलभुत सुविधाए उपलब्ध करवाई जाये सांसद पटेल
नईदिल्ली, 05 दिसम्बर 2015 शनिवार।
जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने 16वीं लोकसभा के छठें शीतकालीन सत्र में प्रशनकाल के दौरान आंगनवाडी़ तथा लघु आंगनवाड़ी केन्द्रो पर मुलभुत सुविधाए उपलब्ध करवाने एवं क्षैत्र में नये केन्द्र स्थापित करवाने का मुद्दा उठाया।
सांसद देवजी पटेल ने महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गाधी से लिखित प्रशन करते हुए कहा कि देश में राज्य क्षैत्र वार वर्तमान में कार्यरत आंगनवाड़ी तथा लघु आंगनवाड़ी केन्द्रो की संख्या कितनी हैं तथा इनमें कौन-कौन सी सुविधाए प्रदान की गई हैं तथा इन केन्द्रो में कितने बच्चे पंजीकृत हैं। गत तीन वर्षो में प्रेत्येक वर्ष तथा चालु वर्ष के दौरान राज्य/संघ राज्येक्षेत्र वार इन केन्द्रो को आंवटित/जारी की गई उपयोग की गई धनराशि कितनी हैं। क्या सरकार को राज्यों/संघ राज्य क्षैत्रो से और केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं तथा यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या हैं, तथा इस पर क्या कार्रवाई की गई, क्या सरकार का विचार ऐसे केन्द्रो का उन्नयन तथा उसके स्थायी भवन के निर्माण तथा मूलभूत अवसंरचना हेतु अतिरिक्त धनराशि आंबंटित करने या लागत अनुमान बढाने का हैं। क्या सरकार ने ऐसे केन्द्रो के कार्यकरण में अनियमितताओं को नोट किया हैं तथा उनके कार्यकरण तथा धनराशि उपयोग की जांच हेतु कोई निरीक्षण किया और यदि हां तोे तत्ससंबंधी ब्यौरा क्या है तथा उक्त अवधि के दौरान पाई गई अनियमितताएं/कमी क्या थी तथा इस पर क्या कार्रवाई की गई।
सांसद पटेल के प्रश्न का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गाधी ने कहा की देश में राज्य क्षैत्र वार वर्तमान में कार्यरत आंगनवाड़ी तथा लघु आंगनवाड़ी केन्द्रो में पंजीकृत बच्चो की संख्या के साथ-साथ देश भर में कार्यरत आंगनवाडी केन्द्रो और लघु आंगनवाडी केन्द्रो की राजस्थान में आंगवाड़ी केन्द्रो की संख्या संस्वीकृत 62010, प्रचालनरत 60801 हैं एवं पूरक पोषण के लाभार्थी कुल बच्चे (6माह से 6 वर्ष) 2771955 हैं तथा स्कूल पूर्व शिक्षा के लाभार्थी कुल लडके व लड़किया (3-6 वर्ष) 1050953 हैं। आईसीडीएस योजना के तहत छः येवाओ का पैकेज शामिल हैं। (प) पूरक पोषण, (पप) स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, (पपप) पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, (पअ) प्रतिरक्षण, (अ) स्वास्थ्य जांच और (अप) रेफरल सेवाए 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चो, गर्भवती और धात्री माताओं को प्रदान की जाती हैं। तथा प्रत्येक केन्द्र द्वारा निधियन स्थिति के उपयोग का लेखा-जोखा भारत सरकार द्वारा नही रखा जाता हैं। निधिया राज्यो/संघ शासित क्षैत्रो को निर्मुक्त की जाति है, जो आगे जिला/ब्लाॅक और आंगनवाडी केन्द्रो को निर्मुक्त करते हैं। भारत सरकार राज्य/संघ राज्य स्तर पर निधियन निर्मुक्ति/उपयोगिता का लेख-जोखा रखती है। तदानुसार, योजना के तहत चालू वर्ष और पिछले तीन वर्षो के दौरान राजस्थान राज्य में निर्मुक्त निधि वर्ष 2012-13 में 68853.08 लाख रू एवं राज्य की हिस्सेदारी सहित राज्य द्वारा दर्ज व्यय 98296.03 लाख रू., निर्मुक्त निधि वर्ष 2013-14 में 65232.45 लाख रू एवं राज्य की हिस्सेदारी सहित राज्य द्वारा दर्ज व्यय 95120.74 लाख रू. व निर्मुक्त निधि वर्ष 2014-15 में 73992.88 लाख रू राज्य की हिस्सेदारी सहित राज्य द्वारा दर्ज व्यय 71989.52 लाख रू. तथा निर्मुक्त निधि वर्ष 2015-16(30.11.2015 तक) 38498 लाख रू है।
सांसद पटेल के प्रश्न का जवाब देते हु मेनका संजय गाधी ने बताया की आईसीएस योजना के सार्वभौमिकरण के तहत, भारत सरकार द्वारा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रो को आंवटन के लिए 14 लाख आंगनवाड़ी केन्द्रो का अनुमोंदन किया गया हैं। यह सभी 14 लाख आंगनवाड़ी केन्द्र सस्वीकृत हैं। तथा आंगनवाड़ी केन्द्रो के उन्नयन के प्रस्ताव राज्यों/संघ राज्य क्षैत्रो के वार्षिक कार्यक्रम क्रियान्वयन योजना से प्राप्त किए जाते और अनुमोदन उपरान्त आंगनवाड़ी केन्द्रो के उन्नयन के लिए निधिया संबंधित राज्यो/संघ शासित क्षेत्रो को निर्मुक्त की जाती है। आंगनवाड़ी के लिए स्थायी भवनो के निर्माण के लिए लागत में वृद्धि करने का कोई प्रस्ताव नहीं हैं। तथा मत्रालय ने मंत्रालय की योजनाओं के कामकाज की जांच या निरिक्षण के लिए क्षेत्र अधिकारियों के नियुक्ति की हैं। यह क्षैत्र अधिकारी समय समय पर आईसीडीएस सहित मंत्रालय की योजनाओं के कामकाज का निरिक्षण करते हैं। जब कभी भारत सरकार के संज्ञान में कोई भी अनियमितता/कमियाॅ लाई गई हैं, उपचारात्मक उपायो के लिए संबंधित राज्यों को कहा जाता हैं।
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